आबकारी विभाग लगातार बढ़ा रहा है लक्ष्य
आबकारी विभाग ने श्रीगंगानगर जिले में 365.72 करोड़ का लक्ष्य तय किया हुआ है। गत पांच वर्षों से सरकार आंख मूंदकर आबकारी विभाग का लक्ष्य बढ़ाने पर जोर दे रही है। 2011 जनगणना के अनुसार
हनुमानगढ़ जिले की जनसंख्या 1774492 है। जनसंख्या के अनुसार प्रतिमाह 16 करोड़ की देसी मदिरा व 8 करोड़ की अंग्रेजी मदिरा गटकने पर हनुमानगढ़ लक्ष्य के नजदीक पहुंचते हुए शराब पीने के मामले में प्रदेश के 11वां स्थान हासिल करेगा।
इस तरह होता है राजस्व
2024-25 में 360 मदिरा की दुकानें है। इनके आवेदन शुल्क व लाइसेंस फीस जमा होती है। इसके अलावा मदिरा की खपत का आंकलन किया जाता है। 17.74 लाख आबादी के हनुमानगढ़ जिले ने 2018-19 में 190 लाख लीटर कुल शराब गटकी थी। इसमें 15 लाख लीटर अंग्रेजी शराब, 28 लाख लीटर बीयर व 146.5 लीटर देसी शराब एक वर्ष में खपत हुई थी। लेकिन अब खपत बढ़कर 18 लाख मिली लीटर तक पहुंच गई है। जयपुर के लिए 2353 करोड़ का लक्ष्य
जयपुर के लिए 2024-25 में 2353 करोड़ का राजस्व का निर्धारण किया गया है। बीकानेर के लिए 569 करोड़ का लक्ष्य निधार्रित किया गया है। अजमेर में 648.22 करोड़, झुंझुनू के लिए 443.46 करोड़ रुपए, कोटा में 568.79 करोड़ रुपए। अलवर में 466.1 करोड़ रुपए का लक्ष्य निधार्रित है। सीकर में 525.48 करोड़ की मदिरा खपत करने का टारगेट आबकारी विभाग के अधिकारियों को दिया गया है। उदयपुर में 837.82 करोड़ की मदिरा खपत करने पर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। उदयपुर में 2019-20 में 707 करोड़ का लक्ष्य था। अजमेर में 545 करोड़ का लक्ष्य था। जोधपुर में वर्तमान में 921 करोड़ का लक्ष्य है और 2019-20 में 650 करोड़ का लक्ष्य था। हनुमानगढ़ में 430 करोड़ का लक्ष्य है और 2019-20 में 250 करोड़ का लक्ष्य था। चार साल में प्रदेश के चुनिंदा शहरों में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। शराब खपत मामले में हनुमानगढ़ जिले में 200 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है।
430 करोड़ रखा है आबकारी राजस्व का लक्ष्य
विभाग ने हनुमानगढ़ जिले में आबकारी राजस्व का लक्ष्य 430 करोड़ रखा है। विभाग के मुताबिक लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। उमीद है कि हर हाल में मार्च तक 430 करोड़ रुपए के करीब राजस्व पहुंच जाएगा।
संजीव पटावरी, जिला आबकारी अधिकारी, हनुमानगढ़।