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हनुमानगढ़

ओलावृष्टि के बीच फसल बीमा पोर्टल का सर्वर हुआ डाउन, किसान हो रहे बेचैन

हनुमानगढ़. जिले में इस बार करीब छह लाख हेक्टैयर में रबी फसलों की बिजाई हुई है।

हनुमानगढ़Dec 28, 2024 / 07:50 pm

Purushottam Jha

ओलावृष्टि के बीच फसल बीमा पोर्टल का सर्वर हुआ डाउन, किसान हो रहे बेचैन

ओलावृष्टि के बीच फसल बीमा पोर्टल का सर्वर हुआ डाउन, किसान हो रहे बेचैन

-विपरीत मौसम में किसान कैसे करवाएं फसलों का बीमा, सर्वर डाउन की हर तरफ से आ रही शिकायतें
-जिले में करीब डेढ़ लाख किसानों का होना है बीमा, अब तक पचास हजार का ही हुआ
हनुमानगढ़. जिले में इस बार करीब छह लाख हेक्टैयर में रबी फसलों की बिजाई हुई है। सरकार स्तर पर फसलों को सुरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रबी 2024-25 की फसलों के बीमा करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस बीच फसल बीमा पोर्टल का सर्वर डाउन होने से बीमा कार्य में दिक्कतें आ रही है। स्थिति यह है कि जिले में शुक्रवार को कुछ क्षेत्रों में बरसात के साथ ही ओलावृष्टि भी हुई है। ऐसे में किसानों की फसल खराब हो गई है। अब पोर्टल का सर्वर डाउन होने की वजह से बीमा कार्य प्रभावित हो रहा है। जल्द सरकार ने इसे ठीक कर बीमा करने की अवधि में बढ़ोतरी नहीं की तो काफी संख्या में जिले के किसान बीमा करवाने से वंचित रह जाएंगे। जिले में औसतन हर वर्ष डेढ़ लाख किसान फसलों का बीमा करवाते हैं। इस बार २७ दिसम्बर २०२४ तक पचास हजार किसानों ने ही बीमा करवाया है।
ऐसे में करीब एक लाख किसान अपनी फसलों का बीमा बचे तीन दिनों में कैसे करवाएंगे, यह सबके लिए चुनौती बना हुआ है। कुछ जगहों पर डाटा मिसमैच की दिक्कतें भी आ रही है। ऐसे में किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि उनकी खराब हुई फसलों का क्लेम मिलेगा भी या नहीं। वहीं बीमा कंपनी के अधिकारियों के अनुसार कृषक अपनी बोई गई फसलों का 31 दिसम्बर 2024 तक बीमा करवा सकते हंै। जिले में रबी सीजन 2024-25 में आठ फसलें यथा सरसों, तारामीरा, गेहूं, चना व जौ अधिसूचित की गई है।
इसमें जिले के गैर ऋणी कृषकों को राज्य सरकार की अधिसूचना अनुसार आधार कार्ड, नवीनतम जमाबंदी की नकल व बैंक खाते की पासबुक की प्रति जिसमें आईएफसी कोड एवं खाता संख्या अंकित हो या खाते का रद््द केन्सिल चैक की प्रति व बटाइदार कृषक होने पर उक्तदस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। इसके अतिरिक्त शपथ पत्र, बीमा कराने वाले कृषक के स्वयं का घोषणा पत्र, बटाइदार एवं भू-स्वामी के आधार कार्ड की स्वयं प्रमाणित प्रति अनिवार्य है। कृषक फसल बीमा में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए बीमा कम्पनी प्रतिनिधि व कृषक रक्षक पोर्टल पर टोल फ्री नंबर 14447 से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हनुमानगढ़ जिले में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को बीमा करने का कार्य दिया गया है। इसके तहत ज्यादा बारिश, ओलावृष्टि, कीटों का प्रकोप सहित किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा से फसल के प्रभावित होने पर बीमित किसानों को क्लेम दिया जाता है।

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कृषक हिस्सा राशि पर नजर
चालू रबी सीजन में हनुमानगढ़ जिले में सरसों की बीमित राशि ९१५८६ रुपए प्रति हेक्टैयर निर्धारित की गई है। इसमेें कृषक हिस्सा राशि १३७३.७९ रुपए निर्धारित है। इसी तरह गेहूं पर ९२५७५ की तुलना में कृषक हिस्सा राशि १३८८.७५ रुपए, चने में बीमित राशि ४०६४२ रुपए की तुलना में कृषक हिस्सा राशि ६०९.६३ रुपए निर्धारित की गई है।
आगे बढ़े अवधि
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्टल का सर्वर पूरे देश में डाउन जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार पोर्टल में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। इसलिए डाटा मिसमैच की शिकायतें भी आ रही है। किसान संगठनों की मांग है कि सरकार बीमा करवाने की अवधि बढ़ाए। अंतिम तिथि आगे करने के बाद ही किसानों को राहत मिल सकती है। ऐसा नहीं करने पर कई किसान बीमा करवाने से वंचित रह जाएंगे।

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