जिले के गाँव गढ़ा के रामजानकी मंदिर में आज कल रामायण पाठ चल रहा है। रामायण पाठ करने के मकसद से जब दलित रामजानकी मंदिर पहुंचे, तो मंदिर के पुजारी कुँअर बहादुर ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोका और यह कह कर भगा दिया कि रामायण पाठ करने का अधिकार शूद्रों को नहीं है। मंदिर में शूद्रों का प्रवेश वर्जित का बोर्ड लगा दिया, जो अब हटा दिया गया है। यह कहना है यहां के आक्रोशित लोगों का|
छुआ छूत को लेकर गढ़ा गाँव में चल रहे मामले
गढ़ा गांव में राम जानकी मंदिर में चल रहे श्री रामचरित मानस के अखण्ड पाठ में पहुंचे गांव के एक दलित बालक को मंदिर के पुजारी कुवँर बहादुर सिंह ने भगा दिया था। साथ ही मंदिर के दरवाजे पर दलितों के मंदिर में प्रवेश पर रोक का बोर्ड भी लगा दिया था। पुजारी के इस वर्ताव पर गांव का दलित समुदाय आक्रोशित है। इसी के चलते एसडीएम सुरेश कुमार मिश्रा व सीओ अभिषेक यादव गांव पहुंचे।
उन्होंने गांव के चौकीदार की मदद से ग्रामीणों को बुलाया तथा सभी के बयान लिए इस दौरान गांव के ही केशव श्रुवास, मुन्ना श्रीवास, रामप्यारी बसोर का कहना था कि कुछ दिन पूर्व मंदिर के गेट पर आपत्तिजनक तख्ती टांगी गई थी। लेकिन बाद में उसे निकाल दिया गया था।
गांव के अजय सिंह का कहना है कि गांव में प्रधानी की सीट पाने के लिए लोगों के बीच फूट डालने का काम किया जा रहा है। इस मौके और एसडीएम ने गांव के लोगों से कहा कि आपसी सामंजस्य बनाकर रखने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी की यदि इस तरह की हरकत भविष्य में दोबारा की गई तो दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मंदिर के पुजारी की जमकर फटकार लगाते हुए सभी से समानता का व्यवहार करने की हिदायत दी।