ग्वालियर। बुधवार को श्री गणेश की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन बुध ग्रह के निमित्त भी पूजा की जाती है और ज्योतिषाचार्यों व पंडितों के अनुसार श्रीगणेश को ही बुध ग्रह का कारक देवता भी माना गया है। इसके अतिरिक्त कुंडली में बुध व देवताओं में श्री गणेश ही बुद्धि के कारक माने गए हैं। ऐसे में बुध ग्रह की अशुभ स्थिति में सुधार के लिए श्रीगणेश का पूजन विशेष सफलता दिलाने वाला माना जाता है।
ऐसे करें श्री गणेश का पूजन
इस दिन श्रीगणेश को सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही धूप व दीप लगाकर आरती करें।
पूजन में इस मंत्र का जप करें
मंत्र- प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
इस मंत्र का अर्थ यह है कि मैं ऐसे देवता का पूजन करता हूं, जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं। ऐसे देवता, जो मनोरथ सिद्धि करने वाले हैं, भय दूर करने वाले हैं, शोक का नाश करने वाले हैं, गुणों के नायक हैं, गजमुख हैं, अज्ञान का नाश करने वाले हैं। मैं शिव पुत्र श्री गणेश का सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करता हूं।
ये भी हैं उपाय
1. बुधवार को सुबह जल्दी स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर गणेश जी के मंदिर जाएं और श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करना चाहिए।
2. गाय को हरी घास खिलाएं। शास्त्रों के अनुसार गाय को पूजनीय और पवित्र माना गया है। गौ माता की सेवा करने वाले व्यक्ति पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
3. किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति को या किसी मंदिर में हरे मूंग का दान करें। मूंग बुध ग्रह से संबंधित अनाज है। इसका दान करने से बुध ग्रह के दोष शांत होते हैं।
4. श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं।
मनोकामना सिद्धि के लिए चार भुजाधारी स्वरूप पूजनीय
हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक कलियुग में भगवान गणेश के धूम्रकेतु रूप की पूजा की जाती है। जिनकी दो भुजाएं है। किंतु मनोकामना सिद्धि के लिए आस्था से भगवान गणेश का चार भुजाधारी स्वरूप पूजनीय है। जिनमें से एक हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में पाश, तीसरे हाथ में मोदक व चौथे में आशीर्वाद है। इनमें खासतौर पर श्री गणेश के हाथ में मोदक प्रतीक रूप में जीवन से जुड़े संदेश देता है।
बुधवार के स्वामी बुध ग्रह भी है, जो बुद्धि के कारक भी माने जाते हैं। इस तरह बुद्धि प्रधानता वाले दिवस पर बुद्धि के दाता श्री गणेश को मोदक का भोग लगाकर कि जाने वाली पूजा- प्रखर बुद्धि व संकल्प के साथ सुख-सफलता व शांति की राह पर आगे बढऩे की प्रेरणा व ऊर्जा देती है। ज्योतिषीय मापदंड के अनुरूप दूर्वा छाया गृह केतु को संबोधित करती है। गणपति जी धुम्रवर्ण गृह केतु के अधिष्ट देवता है तथा केतु गृह से पीडि़त जातकों को गणेशजी को 11 अथवा 21 दूर्वा का मुकुट बनाकर गणेश कि मूर्ति/प्रतिमा पर जातक बुधवार कि सायं 4 से 6 बजे के बीच सूर्यास्त पूर्व गणेशजी को अर्पित करना हितकारी रहता है।
बिगड़े काम बनाने के लिए बुधवार को गणेश मंत्र का स्मरण करें-
‘त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम।’
अर्थात भगवान गणेश आप सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं।
मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाएं
बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है व ऊपरी हवा का असर भी नहीं होता। धन की कामना के लिए बुधवार के दिन श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो जाता है। परिवार में कलह कलेश हो तो बुधवार के दिन दूर्वा के गणेश जी की प्रतिकात्मक मूर्ति बनवाएं। इसे अपने घर के देवालय में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें। घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती इसलिए घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की प्रतिमा लगानी चाहिए।