सिंध नदी पर डैम बनाए जाने से लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के अधिकारी टेंशन में आ गए है। इन दिनों सेतु संभाग द्वारा सिंध नदी पर नया पुल का निर्माण कराया जा रह है। इधर प्रदेश सरकार द्वारा ङ्क्षसध नदी पर डैम बनाए जाने की स्वीकृति देने से पुराना पुल (करीब ११ मीटर ऊंचा) डूब में आएगा। वहीं नए पुल की ऊंचाई बढ़ाए जाने को लेकर दो बार पत्र व्यवहार किया गया है।
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22 मीटर होगी नए पुल की ऊंचाई
रतनगढ़ माता मंदिर के पास ङ्क्षसध नदी पर नए पुल की ऊंचाई अब २२ मीटर होगी। पहले यह पुल १५ मीटर ऊंचा था। वहीं पुराने पुल डूबने और उसके स्थान पर नया पुल निर्माण को लेकर लोनिवि का सेतु संभाग ने जल संसाधन विभाग से ५० करोड़ रुपए की मांग कर रहा है।
11 गांव होंगे विस्थापित
डैम बनने से ११ गांव डूब क्षेत्र में आएंगे। इन गांव के विस्थापन के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। डैम से अधिक फायदा दतिया जिले के सूखा ग्रस्त क्षेत्र को होगा। खेतों की सिंचाई के लिए पानी गोहद, ग्वालियर जिले के बेहट तक दिया जाएगा। विभाग ने ग्वालियर में पेयजल की किल्लत दूर करने जौरासी के पास कैनाल से ग्वालियर शहर के लिए पेयजल सप्लाई की जाएगी।
आधुनिक होगा डैम
जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने डैम बनाए जाने का नक्शा पास कर दिया है, यह डेम पूरी तरह आधुनिक होगा। डैम की दीवारें सीमेंट की होगी। डैम में लगाए जाने वाले गेट भी ऑटोमेटिक होंगे। पानी को कैनाल में भेजे जाने के लिए लिफ्टिंग की व्यवस्था की जाएगी। करीब 15 सौ से 1800 किमी लंबी कैनाल बनाई जाएगी।
सिंध नदी डैम की डीपीआर इसी सप्ताह प्रदेश सरकार को भेजी है। डैम पर 2200 करोड़ खर्च होगा। इसके निर्माण से 11 गांव डूब में आएंगे। रतनगढ़ वाली माता के पास नदी पर पुराने पुल भी डूबेगा।
एनपी कोरी, चीफ इंजीनियर, राजघाट परियोजना, जल संसाधन विभाग
रतनगढ़ के पास 2011 में पुल का निर्माण कराया गया था। नए पुल की ऊंचाई 22 मीटर होगी पुल बनाने के लिए जल संसाधन विभाग से 50 करोड़ की मांग की गई है।
एमएस जादौन, कार्यपालन यंत्री, सेतु संभाग, लोनिवि