scriptयूक्रेन से लोटे छात्रों का ये है हाल, सरकार नहीं कर रही कोई मदद | This is the condition of the students who returned from Ukraine | Patrika News
ग्वालियर

यूक्रेन से लोटे छात्रों का ये है हाल, सरकार नहीं कर रही कोई मदद

एनएमसी ने यूक्रेन से लोटे छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई कराने से किया इंकार

ग्वालियरAug 28, 2022 / 01:29 pm

Harsh Dubey

yukrain.jpg

ग्वालियर। यूक्रेन से स्वदेश वापस लौटे मेडिकल छात्रों को अब फिर से विदेश जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। यूक्रेन में जारी रुसी हमले के कारण छात्र अपनी अधूरी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत वापस लौट आये थे। लेकिन हालत में सुधार न होने के कारण स्टूडेंट्स वापस विदेश नहीं जा पा रहे हैं, जिस कारण उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही। ऐसे में छात्रों के अभिभावक छूटी हुई पढ़ाई को देश के ही मेडिकल कालेज से कराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन नेशनल मेडिकल कमीशन ने ऑनलाइन पढ़ाई कराने से इंकार कर दिया है।

एनएमसी ने इसके पीछे हवाला दिया है , कि इस तरह ऑनलाइन पढ़ाई कराने का कोई प्रोसेस ही नहीं है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों कि याचिकाओं पर केंद्र सरकार, केंद्रीय चिकित्सा परिषद् और विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। याचिका मैं छात्रों की आगे की पढ़ाई को देश के मेडिकल कॉलेजों में फिर से शुरू कराने की अनुमति देने की मांग की गयी है। इन सभी आदेशों से इतर छात्र एवं अभिभावक असमंजस की स्थिति मैं फंसे हुए हैं।

देश के कॉलेजों में ही पूरी कराई जा सकती है पढ़ाई
सुमि स्टेट यूनिवर्सिटी से फिफ्थ ईयर के छात्र पियूष सक्सेना के पिता तरुण सक्सेना ने बताया एनएमसी ने ऑनलाइन पढ़ाई कराने से इंकार कर दिया है जबकि ऑनलाइन पढ़ाई अगर कराई जाये तो प्रैक्टिकल देश के ही मेडिकल कॉलेज से कराये जा सकते हैं, लेकिन सरकार इतनी सी बात समझने को तैयार नहीं है। मेरा बेटा परेशान है उसकी पूरी साल ख़राब हो रही है। विवि फ़ीस जमा करने के लिए बोल रही है, हम कैसे अपने बेटे को फिर से मौत के मुंह में वापस भेजें। सरकार कह रही है छात्र को दूसरे कॉलेज से आगे की पढ़ाई करा दो, लेकिन उसके लिए टीसी की आवश्यकता होती है। सुमि विवि टीसी तब ही देगी जब फ़ीस जमा करा दी जाएगी और टीसी लेने भी हमें वहां जाना पड़ेगा। सरकार छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए जल्द कोई पहल करे।

एक साल की इंटर्नशिप को अब दो साल में पूरा करना पड़ रहा
सुमि स्टेट यूनिवर्सिटी से सिक्स्थ ईयर की छात्रा अलीशा खान के पिता साहिर खान ने कहा, अलीशा की पढ़ाई पूरी हो चुकी है, उसे अब एमसीआई टेस्ट क़्वालिफ़ाइ करना है , लेकिन पहले जो इंटर्नशिप एक साल में पूरी कराई जाती थी उसे अब एनएमसी ने बढ़ाकर दो साल कर दिया है। इससे समय की बर्बादी होगी

सरकार स्पष्ठ करे छात्र आगे की पढ़ाई के लिये अब क्या करें
यूक्रेन से फोर्थ ईयर के छात्र प्रतीक चौधरी ने बताया हर रोज खबर आती है सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया , आईएमसी ये बदलाव कर रहा है , लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा हम क्या करें। छात्र असमंजस की स्थिति मैं फंसे हुए हैं। भारत सरकार यदि स्पष्ठ करे तो हम यूक्रेन न जाकर देश के कॉलेजों से ही आगे की पढ़ाई पूरी करने का सोचें।

हंगरी या पोलैंड मैं करेंगे आगे की पढ़ाई
यूक्रेन की उजरोद यूनिवर्सिटी से थर्ड ईयर के छात्र शिवम् श्रीवास्तव के भाई गुलशन श्रीवास्तव ने बताया सरकार की तरफ से किसी भी तरह की मदद नहीं की जा रही है। शिवम् को आगे की पढ़ाई हंगरी या पोलैंड के किसी कॉलेज से करनी होगी।

Hindi News / Gwalior / यूक्रेन से लोटे छात्रों का ये है हाल, सरकार नहीं कर रही कोई मदद

ट्रेंडिंग वीडियो