scriptकरोड़ों के प्रोजेक्ट्स अटके, ऐसे कैसे मिलेगा शहर को अमृत ?, दो माह बाद भी नहीं मिल सकी प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन | smart city project gwalior | Patrika News
ग्वालियर

करोड़ों के प्रोजेक्ट्स अटके, ऐसे कैसे मिलेगा शहर को अमृत ?, दो माह बाद भी नहीं मिल सकी प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन

पिछले दो साल 2014 -15 और 2015-16 में अमृत योजना की उपेक्षा निगम अफसरों द्वारा की गई जिसके चलते प्रोजेक्ट शहर में समय पर शुरू ही नहीं हो सके।

ग्वालियरDec 22, 2017 / 11:16 am

Gaurav Sen

smart city gwalior
ग्वालियर। पिछले दो साल 2014 -15 और 2015-16 में अमृत योजना की उपेक्षा निगम अफसरों द्वारा की गई जिसके चलते प्रोजेक्ट शहर में समय पर शुरू ही नहीं हो सके। अफसर बदले और नए अफसरों ने भी योजनाओं को शुरू करने के लिए शहर में भागदौड़ की लेकिन इसका भी कोई नतीजा निकलकर नहीं आ रहा है। मामला कलेक्ट्रेट से जुड़ा है। जहां नगर निगम को गो शाला के विस्तार के लिए जमीन आवंटन करने का निर्णय हुआ लेकिन आवंटन आज तक नहीं हो सका। इसके चलते गो शाला में गो वंश की संख्या अधिक होने से हालात बिगड़ रहे हैं।


वहीं बात अमृत सिटी के प्रोजेक्ट्स की हो तो यही हालात इसमें भी बने हुए हैं। जबकि अफसर नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह को डीडीनगर स्थित साइट पर ले जाकर बता चुके हैं कि यहां काम शुरू कर दिया है। लेकिन आज तक जमीन का आवंटन कलेक्ट्रेट से नहीं हो पाया और मौके पर आलू अनुसंधान केंद्र ने उक्त जमीन पर बाउंड्री का काम शुरू कर दिया है। यह हालात तब हैं जब जिले से भोपाल और केंद्र तक एक ही पार्टी की सरकारें हैं इसके बावजूद काम में तेजी दिखाई नहीं रही है। जिसके चलते शहर को अृमत का लाभ कब मिलेगा इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

डीडी नगर के पास
डीडी नगर और आसपास के एरिया के सीवर का पानी यहां लाकर उसका ट्रीटमेंट किया जाना है। इसके बाद साफ पानी को नाले में छोड़ा जाता था। लेकिन अभी तक यहां जमीन नहीं मिलने से काम अटका हुआ है।


ललियापुरा
ग्रामीण के एरिया से आने वाले पानी को ललियापुरा के पास सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन कलेक्टर और निगमायुक्त चिन्हित करके आए थे इसे भी दो माह से ज्यादा का समय हो चुका है। यहां पर सड़क के सर्वे नंबर खाली हैं प्लांट के सर्वे नंबर पर सड़क बन चुकी हैं। यहां सड़क के सर्वे नंबर खाली पड़े हैं लेकिन उसका भी आवंटन नहीं हो पाया है।

जलालपुर

जलालपुर स्थित तलवार वाले हनुमान मंदिर के पास वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना है ताकि शहर के बढ़े हुए क्षेत्रों में पीने के साफ पानी की सप्लाई की जा सके। इसके लिए पाइप लाइन डालने के लिए सर्वे का काम चल रहा है। लेकिन अभी तक प्लांट के लिए जमीन का आवंटन नहीं हो पाया है।

नौ सौ करोड़ की योजना
वाटर ट्रीटमेंट प्लान 44 करोड़ का
जलप्रदाय की पाइप लाइन 323करोड़
सीवेज सिस्टम और एसटीडी लश्कर एरिया 261 करोड़
सीवेज सिस्टम और एसटीडी मुरार एरिया 278 करोड़


बात करेंगे
योजना का लाभ लोगों को जल्द से जल्द मिले इसके लिए नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों से बात करके तेजी से काम कराया जाएगा।
धर्मेन्द्र राणा, एमआईसी सदस्य

Hindi News / Gwalior / करोड़ों के प्रोजेक्ट्स अटके, ऐसे कैसे मिलेगा शहर को अमृत ?, दो माह बाद भी नहीं मिल सकी प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन

ट्रेंडिंग वीडियो