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14 साल में बदले 500 से ज्यादा जवान, 22 शिकायतों में तंग करने, धमकाने के आरोप, जानें क्या है मामला

RTI Activist Ashish Chaturvedi ASI Shaitan Singh Controversy: RTI एक्टिविस्ट आशीष की सुरक्षा का आंकलन, दो दिन पहले 13 बटालियन के एएसआई शैतान सिंह ने आरआई रणजीत सिंह से लिखित की थी शिकायत, मामले ने पकड़ा तूल

ग्वालियरJan 17, 2025 / 01:33 pm

Sanjana Kumar

MP News Gwalior
RTI Activist Ashish Chaturvedi ASI Shaitan Singh Controversy: आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी के गनमैन रहे एएसआई शैतान सिंह के बीच शिकवा शिकायत का मामला तूल पकड़ रहा है। आशीष और उनके सुरक्षाकर्मी के बीच बात क्यों बिगड़ी पता लगाया जा रहा है। इसलिए आशीष की सुरक्षा का आकलन भी किया जा रहा है। इसका ब्यौरा पुलिस मुख्यालय को भेजा जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है आशीष चतुर्वेदी को पिछले करीब 11 साल से सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।
अभी तक उनकी सुरक्षा में 639 जवानों को तैनात किया जा चुका है। इनमें कुछ जवानों को आशीष की सुरक्षा ड्यूटी में दोबारा भी तैनात किया गया है, लेेकिन बाकी सुरक्षाकर्मियों में ज्यादातर ने आशीष के साथ पटरी नही बैठने की दलील देकर ड्यूटी बदलवाई भी है। इनमें करीब 22 जवानों ने तो आशीष चतुर्वेदी पर गालियां देने, सस्पेंड कराने और ड्यूटी से भगाने की शिकायतें भी पुलिस अधिकारियों से की हैं।

कुत्ता नहीं देखने, वर्दी उतरवाने के आरोप

पुलिस रेकार्ड में आशीष की सुरक्षा में तैनात रहे जवानों की शिकायतों का पुलंदा भी बता रही है। इन शिकायतों में 2015 में उनकी सुरक्षा में तैनात 13 बटालियन के आरक्षक धर्मेन्द्र ने कुत्ता नहीं देखने पर अभद्रता करने और गालियां देने का आरोप लगाया था, जबकि 2017 में आशीष के सुरक्षाकर्मी शैलेन्द्र कुमार ने उन पर गालियां देने और वर्दी उतरवाने के आरोप तक लगाए हैं।
इसके अलावा वर्ष 2014 से अभी तक उनकी सुरक्षा में तैनात रहे 13 बटालियन के प्रधान आरक्षक अंसार अली, आरक्षक लोकेन्द्र सिंह, आरक्षक हरिओम शर्मा, आरक्षक जितेन्द्र सिंह भदौरिया, आरक्षक धर्मेन्द्र सिंह, आरक्षक रवि थापा, आरक्षक हरीशचंद्र, आरक्षक ऋषभ दीक्षित, आरक्षक अमन चौधरी और एएसआई प्रहलाद दास और अब एएसआई शैतान सिंह के नाम शिकायत करने वालों शामिल हैं। 14 वाहिनी के आरक्षक पृथ्वीराज मीणा, पुलिस लाइन आरक्षक राजेन्द्र शर्मा और राकेश राय सहित इदरीश और उदयभान सहित अन्य जवानों के नाम शिकायतकर्ताओं में शामिल होंगे।

यह है मामला

दो दिन पहले 13 बटालियन के एएसआई शैतान सिंह ने आरआई रणजीत सिंह से लिखित शिकायत की थी कि 4 अक्टूबर 2023 से आशीष चतुर्वेदी के यहां गनमैन डयूटी में थे। कुछ दिन पहले आशीष के पिता ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने उनसे शादी में साथ चलने को कहा था। लेकिन उन्हें आशीष की सुरक्षा डयूटी में थे तैनात किया गया था, इसलिए उनसे पूछे बिना नहीं जा सकते थे। इसी बात पर आशीष चतुर्वेदी गुस्सा हो गए बोले तुुम्हें नौकरी करना सिखा दूंगा।
एएआई शैतान सिंह का आरोप है कि उसके बाद टार्चर करने लगे 13 जनवरी को आशीष ने मौहल्लों वालों के सामने उन्हें गालियां दीं सस्पेंड कराने की धमकी भी दी। उधर आशीष ने इस घटना के बाद सुरक्षा लौटा दी थी। इसी मसले को बुधवार को आरआई रणजीत सिंह, सूबेदार अनुपम भदौरिया के साथ नाकाचंद्रवदनी स्थित आशीष के घर गए थे। लेकिन बात नहीं बनी आशीष गुस्सा होकर घर से निकल गए। देर रात उनके पिता झांसी रोड थाने में गुमइंसान दर्ज कराया था। हालांकि गुरुवार दोपहर को आशीष चतुर्वेदी घर लौट आए।


सुरक्षा आंकलन किया जा रहा

आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा का आकंलन किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय को इससे अवगत कराया जाएगा। एएसआई और उनके बीव शिकवा शिकायत की जांच की जा रही है।


धर्मवीर सिंह यादव एसपी ग्वालियर, 14 महीने 14 बार लौटे एएसआई

उधर आशीष चतुर्वेदी का कहना है एएसआई शैतान सिंह पिछले 14 महीने से उनकी सुरक्षा डयूटी में थे। शैतान सिंह करीब 14 बार छुटटी गए और वापस उनकी ही सुरक्षा डयूटी में लौटे। अगर उनके साथ अभद्रता तो वह वापस उनकी डयूटी में क्यों आते। आशीष का कहना है पिता ओमप्रकाश चतुर्वेदी रिटायर होने के बाद कुछ दोस्तों के साथ अक्सर दाल बाटी की पार्टी करते हैं। शैतान सिंह उसमें भी शामिल होने के लिए पिता को मैसेज करते थे।
पिता शादी में गए थे शैतान सिंह ने उन्हें अकेले जाने पर टोका था। इसलिए पिता ने उन्हें भी शादी को आने को बोला था। शैतान सिंह ने फिर आरोप क्यो लगाए। इसके पीछे कई कारण हैं। इसी मामले को आरआई रणजीत सिंह और उनके सहकर्मी घर पर आए थे। उन्होंने गलती भी मानी, लेकिन बिना कार्रवाई बात खत्म करना चाहते थे। इसलिए मैं घर से निकल गया, मोबाइल डिस्चार्ज हो गया था तो किसी से बात नहीं हो पाई। देर रात पिता ने झांसी रोड थाने में गुमइंसान दर्ज कराया था। गुरुवार दोपहर को लौट आया फिर भी पुलिस ने दस्तयाब तक नहीं किया है।

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