ग्वालियर। ग्वालियर के सिंधिया शाही परिवार की यूं तो हर शादी अपने आप में खास है। हर शादी की कहानी बेहद खूबसूरत और खास है, लेकिन इन सब में वो रॉयल वेंडिग जो सबसे स्पेशल थी, वो थी सर जॉर्ज जीवाजी राव सिंधिया और राजमाता विजयाराजे की शादी। (शादी में फेरे के लिए जाते हुए […]
ग्वालियर। ग्वालियर के सिंधिया शाही परिवार की यूं तो हर शादी अपने आप में खास है। हर शादी की कहानी बेहद खूबसूरत और खास है, लेकिन इन सब में वो रॉयल वेंडिग जो सबसे स्पेशल थी, वो थी सर जॉर्ज जीवाजी राव सिंधिया और राजमाता विजयाराजे की शादी।
(शादी में फेरे के लिए जाते हुए महाराजा जीवाजी राव सिंधिया)
ये शादी इसलिए भी खास है क्योंकि शायद ये सिंधिया घराने की वो पहली शादी थी, जो एक गैर मराठा परिवार में हुई थी। साथ ही विजयाराजे किसी शाही परिवार से भी ताल्लुक नहीं रखती थी। ऐसे में उनकी शादी को ग्वालियर राजघराने की सबसे खास शादी माना जाता है।
(महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की शाही शादी पर सजा दरबार हॉल)
बॉम्बे ताजमहल होटल में पहली दफा था विजयाराजे को
सागर में एक आम नागरिक की तरह पली-बढ़ी लेखा दिव्येश्वरी को महाराजा सर जीवाजी राव सिंधिया ने बॉम्बे के ताजमहल होटल में पहली बार देखा था। पहली बार में ही वे जीवाजी राव को पंसद आ गई थी।
21 फरवरी 1941को महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की शादी उनसे हुई। इस रॉयल वेडिंग के बाद सागर की एक आम लड़की लेखा दिव्येश्वरी देश के सबसे बड़े राजघराने की महारानी विजयाराजे सिंधिया बन गईं।
Hindi News / Gwalior / ये रॉयल वेडिंग थी कुछ खास, ऐसे मिली थी महाराज को महारानी