बैंक अधिकारियों से बोले पुलिस अफसर सुस्ती नहीं फुर्ती से होता क्राइम पर कंट्रोल
बैंक से चाहिए क्विक रिस्पांस, दो महीने तक नहीं मिलते फुटेज
बैंक अधिकारियों से बोले पुलिस अफसर सुस्ती नहीं फुर्ती से होता क्राइम पर कंट्रोल
ग्वालियर। बैंक ठगी के अपराधों पर कंट्रोल कैसे किया जा सकता है बुधवार को पुलिस अफसरों ने शहर के 24 बैंक के अधिकारियों के साथ बैठकर प्लानिंग की इसमे बात उठी कि जिसके साथ ठगी होती है वह पुलिस से अपराधी को पकडऩे की उम्मीद करता है, लेकिन बैंक का रवैया लेटलतीफी का रहता है। अगर बैंक भी ठगी की वारदात पता चलने पर क्विक रिस्पांस कर पुलिस को जरुरी मदद तुरंत मुहैया कराए तो अपराधी को पकडऩा और ठगे गए पैसे बरामद करना आसान होगा। लेकिन ज्यादातर बैंक हैड आफिस के पाले में गेंद फेंककर पल्ला झाड़ते हैं। यह ठीक नहीं है। इसके अलावा कई बार बैंक में जाकर पुलिस कह चुकी है कि बिना वजह बैंक में घूमने वालो पर नजर रखो, उनके बारे में जानकारी पुलिस को दो, लेकिन शहर की किसी भी बैंक ने पुलिस को कॉल कर ऐसी सूचना नहीं दी है। क्या लोगों और बैंक की सुरक्षा का जिम्मा उनका नहीं है।
आईजी राजबाबू सिंह ने बैंक अधिकारियों से कहा फ्रॉड केस में बैंक से पुलिस को क्विक रिस्पांस की उम्मीद रहती है, क्योंकि लेट होने पर अपराधी को बचने का पूरा मौका मिलता है। इसके लिए बैंक और पुलिस के बीच तालमेल की जरुरत है। ऑनलाइन ठगी की वारदातों में अपराधी कहां बैठकर क्राइम कर रहा है उसका पता लगाने में वक्त लगता है। उसने किस ग्राहक से खाते से पैसा चोरी किया, किस खाते में भेजकर उसे विड्राल किया अगर बैंक तुरंत जानकारी मुहैया करा दे तो पुलिस को भी एक्टिव होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। एसपी नवनीत भसीन ने कहा कि एटीएम फ्रॉड केस में पुलिस को दो महीने से बैंक ने सीसीटीवी फुटेज तक मुहैया नहीं कराए हैं। लंबे समय बाद अपराधी को कैसे पकड़ा जाएगा। ज्यादातर वारदातों में पुलिस शनिवार, रविवार की छुटटी का हवाला देकर जानकारी, फुटेज देने से इंकार करती है। जवाब मिलता है कि सोमवार को वर्किंग डे में जानकारी देंगे, यह रवैया ठीक नहीं है। इसमें सुधार होना चाहिए। जब वारदात होगी उससे जुडी जानकारी तुरंत पुलिस को दी जाए इसका इंतजाम करना चाहिए।कुछ बैंक का कंट्रोल सिस्टम जबरदस्त भी है, वह लगातार एटीएम की मानिटरिंग करती हैं, उनमें छेडछाड का पता चलने पर उनका कंट्रोल सिस्टम पुलिस कंट्रोल रुम को तुरंत अलर्ट करता है। वही भी तो बैंक हैं।
इस तरह करो मदद, ग्राहकों को करो अवेयर
– बैंक में सीसीटीवी कैमरे सही दिशा और क्वालिटी के लगे हों, सुरक्षा अलार्म चालू हालत में रहे। बैंक के गेट और पार्किंग पर भी कैमरे की नजर रहे।
– संदिग्ध व्यक्तियों के मूवमेंट की जानकारी तुरंत पुलिस को दी जाए, इसलिए हेल्पलाइन और पुलिस कंट्रोल रुम के नंबर बैंक में होना चाहिए।
– एटीएम फ्रॉड से बचने के लिए ग्राहकों को अवेयर करें उन्हें एटीएम इस्तेमाल का तरीका बताएं, कि एटीएम में अकेले होने पर कोड को छिपाकर ही दर्ज करें।
-एटीएम विड्राल के वक्त अनजान व्यक्ति से मदद नहीं मांगे।
-फोन पर बैंक खाते से जुडी मांगने वालों से बात नहीं करें। किसी को ऑनलाइन शापिंग के वक्त भेजे गए ओटीपी की जानकारी नहीं दें।
– ग्राहकों को बताएं कि उस एटीएम में जाएं जिसमें गार्ड हो। बैंक ज्यादातर एटीएम में गार्ड तैनात करें।
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