(प्रतिकात्मक फोटो)
ग्वालियर। भिण्ड से श्योपुर तक जून के मध्यम में घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग को अब चंबल सेंचुरी के सुरक्षित दायरे से सटकर बनाया जाएगा। बीहड़ी क्षेत्र में उद्योग और व्यापार के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस परिकल्पना पर गंभीरता से कवायद शुरू की गई है। एनएचएआई के चेयरमैन राघव चंद्रा को जिला प्रशासन ने प्रस्तावित नए परिवर्तित मार्ग का मानचित्र और तुलनात्मक अध्ययन की रिपोर्ट भी सौंपी है।
घोषित परियोजना में संशोधन के पक्षधर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बताए जाते हैं। सरकार ने 15 जून 2016 को देश में 4994 किमी के 43 विभिन्न राज्य राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया है। इनमें श्योपुर-गोरस-श्यामपुर-सबलगढ़-मुरैना-पोरसा, अटेर से भिण्ड मार्ग भी शामिल हैं। इस मार्ग की कुल लंबाई 80 किमी के बाईपास को मिलाकर 273 और बीहड़ से होकर 184 किमी है।
बीहड़ में से सड़क निर्माण पर अटेर से वीरपुर तक चंबल नदी के करीब चार पुल सीधे संपर्क में आएंगे। जिससे व्यापार एवं पर्यटन दोनों बढ़ेंगे। वहीं किसानों की कृषि एवं नागरिकों की आवासीय एवं व्यावसाियक बेशकीमती भूमि के अधिग्रहण की समस्या भी नहीं आएगी। साथ ही रिहायसी इलाकों में अतिक्रमण हटाने से आने वाली कानूनी बाधाओं का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। अतिक्रमण हटाने से बेरोजगारी की समस्या भी आएगी। वहीं 89 किमी की दूरी कम होने से समय एवं ईंधन की भी दीर्घकालिक बचत होगी।
हालांकि नए वैकल्पिक मार्ग के निर्माण पर प्रारंभिक लागत अधिक आएगी, लेकिन दूरगामी सुखद परिणाम आएंगे। जिला प्रशासन इस मार्ग को अत्यंत महत्वपूर्ण मानता है। यह मार्ग चंबल संभाग के जिला मुख्यालय मुरैना के अलावा भिण्ड व श्योपुर का मुख्य संपर्क मार्ग है।
मप्र, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश की सीमा रेखा निर्धारित करने वाली चंबल नदी के वीरपुर से अटेर तक लगभग समानांतर है। नवीन प्रस्तावित वैकल्पिक मार्ग के लिए चंबल सेंचुरी के सुरक्षित एक किमी के दायरे के बाहर और देवरी घडिय़ाल सेंटर के बीच से पर्याप्त बीहड़ भूमि उपलब्ध होगी।
कहां कितने बाईपास की बचत
कस्बा : प्रस्तावित बाईपास
वीरपुर : 12 किमी
सबलगढ़ : 21 किमी
जौरा : 15 किमी
मुरैना : 20 किमी
पोरसा : 12 किमी
कलेक्टर ने एनएचएआई के चेयरमैन को दिया प्रस्ताव
कलेक्टर विनोद शर्मा ने एनएचएआई के चेयरमैन राघव चंद्रा के समक्ष नवीन प्रस्तावित मार्ग से 89 किमी (80 किमी. बायपास एवं नौ किमी अन्य) निर्माण कार्य की बचत की बात भी सामने रखी। इसके साथ ही अटेर से उप्र का बाह-जैतपुर, अंबाह में पिनाहट घाट, मुरैना में राजघाट, जौरा में सेवर घाट से यह मार्ग सीधे जुडऩे मप्र, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश के बीच सीधे व्यापारिक संपर्क बढऩे के साथ ही पर्यटकों की आमदरफ्त भी बढ़ेगी।
“भिण्ड से श्योपुर 193 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग में 80 किमी के बायपास भी हैं। इससे इस मार्ग की लंबाई 273 किमी होगी जबकि बीहड़ से प्रस्तावित मार्ग में कृषि, व्यावसयिक व आवासीय भूमि का अधिग्रहण करने के लिए तमाम कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ेंगी। बीहड़ से मार्ग बनने पर दूरी और समय के साथ फ्यूल की भी बचत होगी। साथ ही औद्योगिक एवं पर्यटन विकास भी होगा।”
– विनोद शर्मा, कलेक्टर मुरैना