प्रवासी मजदूरों की श्रेणी में ऐसे लोग आते हैं कि जो कि शहर से बाहर मजदूरी कर रहे थे और लॉकडाउन में वापस लौट आए है। योजना के तहत इनका पंजीयन किया जाना है, पंजीयन के बाद तीन महीने तक शासन द्वारा मुफ्त राशन दिया जाना है। ऐसे में प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के लिए एक शर्त रखी कि जो लोग बाहर से आए उन्हें यह दिखाना होगा कि वह बाहर मजदूरी कर रहे थे। इसमें जो लोग श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बस से आए हैं उनकी सूची तो प्रशासन के पास है वहां से इनका वेरिफिकेशन हो जाएगा लेकिन जो लोग पैदल आए थे उनके लिए मुश्किल होगी। इसके लिए नगर निगम ने कहा है कि कोई भी ऐसा दस्तावेज दिखाएं जिससे कि यह पता लग सके कि वह दूसरे शहर में श्रमिक का कार्य कर रहे थे।
प्रवासी मजदूरों के पंजीयन के लिए बडी संख्या में आवेदन आए। यह आंकडा 5 हजार से भी अधिक पहंच गया। आवेदन जब एकत्रित होकर बाल भवन पहुंचे तो इनकी स्क्रूटनी करना मुश्किल हो गया। इस पर इन सभी को 25 जोन में डिवाइड कर भेज दिए गए। अब इनकी स्क्रूटनी जोन कार्यालयों पर की जा रही है। स्क्रूटनी के बाद ही इनका पंजीयन किया जाएगा और मजदूरों को शासन द्वारा जो घोषणाएं की गईं वह सुविधाएं दी जाएंगी।
डॉ अतिबल सिंह यादव, उपायुक्त नगर निगम