सिंधिया ने अपनी ही सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाते हुए कहा- यह शर्मनाक है कि अभी भी अवैध उत्खनन हो रहा है, अगर यह नहीं रूका तो मैं इसके खिलाफ झंडा उठाऊंगा। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले कमलनाथ सरकार के मंत्री और दिग्विजय सिंह के खास डॉ गोविंद सिंह भी अवैध रेत उत्खनन का मामला उठा चुके हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने झुग्गीवासियों को संबोधित करते हुए कहा- अब आपकी लड़ाई मेरी लड़ाई है, अगर जरूरत पड़ी तो आपको भोपाल लेकर चलूंगा। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों से ये भी पूछा कि क्या आप मेरे साथ भोपाल चलेंगे। इसके जवाब में वहां मौजूग लोगों ने एक स्वर में कहा हां। सिंधिया ने कहा- जिस जमीन पर आपने 25 से 30 साल का जीवन व्यतीत किया है उसका पट्टा आपको मिलना ही चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा- अगर किसानों का कर्जमाप नहीं हुआ तो मैं चैन की सांस नहीं लेने दूंगा। हमने जब कर्जमाफी का संकल्प लिया है तो इसे पूरा करने की जिम्मेदारी भी हमारी है।
विपक्ष भी उठा रहा है यही मुद्दे
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिन मुद्दों पर अपनी सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला है। मध्यप्रदेश में भाजपा भी उन्हीं मुद्दों को उठा रही है। शिवराज सिंह चौहान कर्जमाफी को लेकर सदन के बाहर सरकार को घेर रहे हैं तो नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सदन के अंदर सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं। वहीं, इसके अलावा प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन का मुद्दा भी विपक्ष लगातार उठा रहा है।
अपनी सरकार पर सवाल उठाने के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केन्द्र की मोदी सरकार पर भी हमला बोला। सिंधिया ने कहा- इस केन्द्र में जो सरकार है वो देश के उद्योगपतियों की सरकार है और उन्हीं के कर्जमाफ करती है।
जो विश्वास मिला इसके लिए आखिरी सांस तक लडूंगा
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बागी तेवर विकास कार्यों के लोकार्पण में भी दिखे। वार्ड क्रमांक 21 के विकास कार्यों का शुभारंभ करने पहुंचे सिंधिया ने कहा- आपने सरकार बनाने के लिए जो विश्वास व्यक्त किया है, उसे पूरा करने के लिए आखिरी सांस तक लडूंगा।
मध्यप्रदेश में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है। कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अपनी ही सरकार के होते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को गरीबों के हक में लड़ने की बात कहने की जरूरत क्यों पड़ी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की उन मुद्दों को वो अपनी सरकार रहते हल कर सकते हैं फिर लड़ने और झंडा उठाने की बात क्यों?
कमलनाथ मुख्यमंत्री हैं और दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास पार्टी के महासचिव को पद है। दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में सक्रिय हैं लेकिन पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश के बाहर की जिम्मेदारी दे रखी है। फिलहाल को महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के चैयरमैन बनाए गए हैं। वहीं, प्रदेश में अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान जारी है। अध्यक्ष पद को लेकर कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सिंधिया गुट के मंत्री अपने-अपने नेताओं को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं।