ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अवैध रेत खनन को लेकर प्रदेश सरकार का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा कि अवैध खनन का नहीं रूक पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। बता दें कि इससे पहले कमलनाथ सरकार के मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने भी अवैध खनन को लेकर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि रेत खनन के लिए एक-एक थाने से 50 से 60 लाख रूपए तक लिए जाते हैं और ये रुपए ऊपर तक जाते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बयान के बाद से सियासत तेज हो गई है। उन्होंने कहा- मुझे दुख है कि अभी भी अवैध उत्खनन हो रहा है। जबकि हमने चुनाव प्रचार में साफ तौर पर कहा था अवैध उत्खनन कांग्रेस सरकार में नहीं होगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
अवैध रेत खनन के संबंध में डॉ गोविंद सिंह ने रविवार को नई दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के बीच प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हुई थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में अवैध खनन को लेकर सिंधिया समर्थक विधायकों द्वारा की गई टिप्पणी को भी डॉ गोविंद सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने रखा था। गोविंद सिंह ने सिंधिया समर्थक विधायक ओपीएस भदौरिया और रणवीर जाटव के बयानों पर आपत्ति जताई थी।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान जारी है। दिग्विजय सिंह खेमे के सक्रिय होने के बाद अब कांग्रेस में एक बार फिर से गुटबाजी बढ़ गई है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज बताए जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के बीच उनके महाआर्यमन सिंधिया ने एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो के पोस्ट होने के बाद खबरें आईं की ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज हैं और उन्होंने पार्टी के सामने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दावा पेश किया है।