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परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी कर छात्रों को संकट में डालने वाली नागपुर की कंपनी की होगी छुट्टी

सभी ईसी मेंबर और अधिकारियों ने कंपनी के कार्य को संतोषजनक नहीं माना है। छात्रों के परीक्षा परिणामों में देरी के लिए कंपनी को जिम्मेदार माना गया है। अब नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने के साथ एक महीने में सभी पेंडिंग रिजल्ट भी जारी कराए जाएंगे।

ग्वालियरSep 10, 2019 / 12:44 am

Rahul rai

परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी कर छात्रों को संकट में डालने वाली नागपुर की कंपनी की होगी छुट्टी

परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी कर छात्रों को संकट में डालने वाली नागपुर की कंपनी की होगी छुट्टी

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की सोमवार को हुई विशेष बैठक में रिजल्ट बनाने वाली नागपुर की माइक्रो प्रो सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को हटाने का निर्णय लिया गया है। सभी ईसी मेंबर और अधिकारियों ने कंपनी के कार्य को संतोषजनक नहीं माना है। छात्रों के परीक्षा परिणामों में देरी के लिए कंपनी को जिम्मेदार माना गया है। अब नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने के साथ एक महीने में सभी पेंडिंग रिजल्ट भी जारी कराए जाएंगे।

विवि प्रशासनिक भवन के सभागार में जेयू की अध्ययनशालाओं के परीक्षा परिणामों को लेकर बुलाई गई कार्यपरिषद की विशेष बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने की। बैठक में सभी ने माना कि नागपुर की कंपनी द्वारा परीक्षा परिणाम जारी करने में देरी करने एवं रिजल्ट और मार्कशीट में तमाम गलतियां करने के कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अब जेयू के सामने एक महीने के अंदर सभी पेंडिंग रिजल्ट जारी करवाने की चुनौती है। बैठक में कुलसचिव डॉ.आइके मंसूरी, ईसी मेंबर डॉ.मनेन्द्र सोलंकी, अनूप अग्रवाल, वीरेंद्र गुर्जर के अलावा प्राध्यापक डॉ.अविनाश तिवारी, प्रो.आरपी पांडेय, प्रो.नीरज जैन, सुनीता भरादिया, डॉ.मंजू दुबे और वित्त विभाग के संयुक्त संचालक योगेंद्र सक्सेना, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. एमआर कौशल मौजूद थे।
विशेषज्ञ से बनवाया जाएगा टेंडर
विश्वविद्यालय के परीक्षा संबंधी कार्यों का टेंडर माइक्रो प्रो सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। पिछले साल से ही कंपनी की सेवाएं संतोषप्रद नहीं रही हैं। इसका प्रभाव रिजल्ट, मार्कशीट आदि पर पड़ा है, जिसके कारण छात्र-छात्राओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखकर कार्यपरिषद की बैठक में परीक्षा संबंधी कामों के लिए नया टेंडर जारी करने का निर्णय लिया गया है। यह टेंडर अधिकृत विशेषज्ञ से बनवाया जाएगा, ताकि कोई त्रुटि न हो।

अधिक भुगतान पर उठे सवाल
बैठक में मानदेय पर कार्य करने वाले शिक्षकों को राज्यपाल की समन्वय समिति में प्रस्तावित दर से ज्यादा भुगतान किए जाने पर ईसी मेंबर्स ने सवाल खड़े किए। इसके बाद समन्वय समिति की सिफारिश को लागू करने पर सहमति बनी है। हालांकि अधिक भुगतान की वसूली को लेकर बात नहीं हुई।
यह बोले जिम्मेदार और छात्र नेता
पहले क्यों नहीं हुई कार्रवाई

-एबीवीपी तीन महीने से आंदोलन कर रही है, कंपनी ने छात्रहित में काम नहीं किया है। हमारा सवाल है कि जब जेयू के अधिकारियों को कंपनी की अनियमितताओं की जानकारी थी, तो कंपनी पर पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं की गई, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। एक महीने में परिणाम घोषित करने की जो बात अधिकारी कह रहे हैं, इस संबंध में हम अब लिखित में जवाब लेंगे।
गौरव मिश्रा, छात्र सेवा प्रमुख-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
शॉर्ट टेंडर से पेंडेंसी निपटाई जाएंगी
नागपुर की माइक्रो प्रो कंपनी आठ महीने से काम कर रही थी। इसे 22 बिंदुओं के आधार पर काम करना था, लेकिन एक भी काम सही नहीं कर पाई। मार्कशीट गलत आईं, प्रिंट गलत आए और अभी स्थिति गंभीर है। रिजल्ट जारी न हो पाने से बच्चे एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं। फिलहाल शॉर्ट टेंडर के जरिए सभी पेंडेंसी निपटाई जाएंगी। इसके बाद शासन स्तर से टेंडर होगा। यह भी मालूम हुआ है कि इस कंपनी ने जहां भी काम किया है, वहां सही नहीं किया, एक जगह ब्लैक लिस्टेड भी है।
डॉ.मनेन्द्र सिंह सोलंकी, सदस्य कार्यपरिषद


एक महीने में दे देंगे सभी रिजल्ट

एक महीने में सभी पेंडिंग रिजल्ट जारी कर देंगे। टेंंडर जारी कर दिया है, अभी जो काम है, यह उसी कंपनी से कराए जाएंगे। एजेंसी बचे हुए रिजल्ट बनाकर देगी। बैठक में एकमत से निर्णय हुआ है कि नागपुर की एजेंसी का काम संतोषजनक नहीं था। अगला टेंडर होगा और अध्यादेश की टर्म एंड कंडीशन के हिसाब से काम कराया जाएगा।
डॉ.आइके मंसूरी, कुलसचिव

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