ये है पूरा मामला
शहर के लाला का बाजार इलाके के रहने वाले अंकुश कुष्ठी बेहद ही गरीब परिवार से हैं। छोटी कद काठी होने के कारण वो 28 साल की उम्र में भी 15 साल के स्टूडेंट की तरह नजर आते हैं। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद अंकेश ने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत व लगन से एमबीए किया। लेकिन एमबीए करने के बाद छोटी कद काठी के कारण उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी। वो बीते दो साल से नौकरी के लिए प्रयास कर रहे थे पर पर्सनालिटी के कारण हर बार नौकरी पाने से चूक जाते थे।
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ऐसे हुई पहचान
अंकेश की मां के आधार कार्ड में उम्र को लेकर गड़बड़ी थी और क्योंकि उनके पास मां के जन्म का कोई प्रमाण भी नहीं था लिहाजा किसी ने उन्हें क्षेत्रीय विधायक से लिखवाकर लाने के लिए कहा। मां के दस्तावेजों के काम से ही अंकेश ग्वालियर दक्षिण से विधायक प्रवीण पाठक से मिलने पहुंचे थे। जहां विधायक प्रवीण पाठक ने अंकेश से बात की, इसी दौरान अंकेश ने उन्हें बताया कि उसने एमबीए किया है और नौकरी की तलाश में है। लेकिन छोटी कद काठी के कारण नौकरी नहीं मिल पा रही है।
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विधायक की पहल के बाद आए नौकरी के ऑफर
अंकेश की बातों और ग्रेजुएशन को जानकर विधायक प्रवीण पाठक उनसे काफी इंप्रेस हुए और उन्होंने उसे नौकरी दिलाने के बारे में सोचा। उन्होंने अपने साथ अंकेश की एक तस्वीर ली और लिखा कि एमबीए अंकुश कुष्ठी के लिए कोई जॉब हो तो बताएं। विधायक की इस पहल के बाद अंकेश के पास नौकरी के 40 से ज्यादा ऑफर आ चुके हैं। अंकेश ने विधायक प्रवीण पाठक का दिल से शुक्रिया अदा करते हुए कहा है कि जब वो विधायक प्रवीण पाठक से मिला तो उसे ऐसा नहीं लगा कि वो किसी नेता या विधायक से मिल रहा है। उन्होंने बिल्कुल बड़े भाई की तरह से मुझसे बातचीत की और मां के जिस काम से गया था वो तो किया ही साथ ही मेरे लिए नौकरी के ऑफर का अंबार भी लगा दिया।