ग्रामीणों ने बताया कि यह हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ है। सूत्रों ने बताया कि ग्वालियर जिले के महाराजपुरा में भारतीय वायु सेना का एयरबेस है जहां यह मिग 21 जा रहा था। हादसे की जानकारी मिलते ही सेना का हेलीकॉप्टर और भारी संख्या में पुलिस व प्रशासन मौके पर पहुंच चुके है और यह मिग 21 कैसे क्रैश हुआ इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
इस मिग 21 में सवार दोनों पायलटों ने कूद कर अपनी जान बचाई। हालांकि दोनों अभी खतरे से बाहर बताए जा रहे है। फिलाहल पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंच चुके है। बताया जा रहा है कि दोनों पायलट ट्रेनी थे और अभ्यास के लिए उड़ान भरी थी। पायलटों ने कूद कर अपनी जान बचाई। बताया जा रहा है कि मिग-21 पानी में गिरा है। दोनों पायलटों में एक ग्रुप कैप्टन है जबकि एक स्वाइडन लीडर था।
मिग 21 के क्रैश होने के बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया है। वहीं बता दें कि इस साल मिग क्रैश होने की यह तीसरी घटना है। वायुसेना का मिग-21 ही विंग कमांडर अभिनंदन भी उड़ा रहे थे, जब वह क्रैश हो गया था। इसके बाद मार्च में राजस्थान के बीकानेर में भी एक मिग-21 क्रैश हो गया था। करीब पांच दशक पुराने इन विमानों को बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही हैै।
अभी घटना स्थल पर सेना के दो पायलट और 3 कमांडो हेलीकॉप्टर से आ गए हैं। दुर्घटनाग्रस्त मिग-21 विमान के मलबे को ले जाने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं घायल दोनों पायलटों को पहले ही दुर्घटनास्थल से ले जाया जा चुका है, उनके पैराशूट और ऑक्सीजन सिलेंडर वगैरह मौके पर ही हैं। अभी भी घटनास्थल पर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जमा है। स्थानीय ग्रामीण विमान को दोनों गांव की आबादी से दूर निर्जन इलाके में ले जाने वाले विमान के दोनों पायलटों की सूझबूझ की तारीफ कर रहे हैं। वहीं अगर विमान ऑल ओरिया चौधरी के पुरा गांव की आबादी पर गिरता तो वहां बड़ी जन और धन की हानि होती।