प्रतिवर्ष पिताजी से मिलने आते थे रवींद्र जैन
इस महान सीरियल में मेरे पिता द्वारा दिए योगदान से मैं और मेरा पूरा परिवार गौरवान्वित है। रवींद्र जैन साहब लगभग हर वर्ष पिताजी से मिलने ग्वालियर आते थे उन्हें माताजी के हाथों की बनी बेड़ई उन्हें बहुत पसंद थी। पिताजी को रामायण के लिए दो-दो महीने तक मुंबई में रुकना पड़ता था। उनके सहयोग के लिए हमारे बड़े भाई डॉ अक्षय कुमार जैन एवं गोपाल जैन रहा करते थे।
लग गई थी लोगों की भीड़
वह दिन मुझे आज भी याद आता है जब फि ल्म ‘नदिया के पारÓ एक तरफ अपनी अपार सफ लता के साथ चल रही थी और एक तरफ रामायण सीरियल देखने का उत्साह पूरे देश को रहता था। उस दौरान रवींद्र जैन का घर आना हुआ। उस समय उनकी पत्नी दिव्या भी उनके साथ थी। पूरे शहर को जब यह सूचना मिली, तो उनकी एक झलक पाने को सभी आतुर थे।
जैसा कि ग्वालियर के फोटोग्राफर केदार जैन ने अपने पिता के बारे में बताया…।