रेलवे हाकी स्टेडियम का 6 करोड़ से ज्यादा की लागत से पुनर्निर्माण कराया गया है। यहां 5 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च कर नया सिंथेटिक टर्फ लगाया गया है. इसके साथ ही दर्शक दीर्घा में भी परिवर्तन किया गया है, यहां नए टायलेट ब्लाक तैयार किए गए हैं। दर्शक दीर्घा को सुधारा-संवारा भी गया है। पेवेलियन की बिल्डिंग में भी चेंजिंग रूम, रेस्ट रूम, हास्टल आदि के निर्माण कार्य कराए गए हैं। स्टेडियम के ड्रेनेज सिस्टम में भी बदलाव किया गया है जिससे अब यहां जलजमाव नहीं होगा। पानी छिड़कने के लिए नया स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है। स्टेडियम की जालियों में भी बदलाव कर दिया गया है। आधुनिक गोल्ड पोस्ट भी लगाए गए हैं। पूरी इमारत नए रंग में नजर आ रही है.
इस हाकी स्टेडियम का शिलान्यास 11 अक्टूबर 1986 को तत्कालीन रेल राज्यमंत्री माधवराव सिंधिया ने किया था। स्टेडियम का उद्घाटन 13 अक्टूबर 1987 को किया गया था। टर्फ पर पहला बड़ा मैच 1987 में भारत-पाकिस्तान टेस्ट सीरीज के दौरान खेला गया। स्टेडियम में 1988 में हाकी की सीनियर नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यहां मोहम्मद शाहिद, परगट सिंह, धनराज पिल्लै, सुजीत कुमार, अजीत पाल सिंह सहित कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी खेलने आए थे। देश के पांच प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में से एक सिंधिया गोल्ड कप हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन यहीं किया जाता है।
तानसेन रोड पर स्थित इस स्टेडियम का 35 साल में तीसरी बार पुनर्विकास किया गया है। स्टेडियम के उद्घाटन के बाद रेलवे ने खिलाड़ियों एस्ट्रोटर्फ युक्त मैदान की सौगात दी थी. इस नई टर्फ का लोकार्पण 4 फरवरी 2006 को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही किया था।
स्टेडियम में अब तक किए गए ये काम
– टर्फ बदला
– ड्रेनेज सिस्टम को बदला़
– नया स्प्रिंकलर सिस्टम लगया
– इलेक्ट्रानिक स्कोर बोर्ड लगाया
– पेवेलियन में भी नवनिर्माण
– स्टेडियम के सभी कमरे वातानुकूलित किए