धीमे, धीमे सुलगी आग, धुएं से दम घुटा
ग्वालियर पुलिस के मुताबिक पूरी तरह खाक हो चुके मकान में विजय और उनकी दो बेटियों के शव सही सलामत निकले हैं। तीनों के कपड़े भी नहीं झुलसे थे। इससे जाहिर है कि आग की लपटें उनके कमरों के अंदर तक नहीं पहुंची थी। आशंका है आग काफी देर तक धीरे-धीरे सुलगती रही है। उसका धुआं घर में भरा है। विजय और उनकी दोनों बेटियां नींद में थे धुएं से उनका दम घुटा है। विजय के पड़ोसियों ने भी बताया था आग देखकर उन्होंने विजय और उनकी बेटियों को आवाज दी थी, लेकिन घर से जवाब नहीं मिला था।दमकल को कोस रही कॉलोनी
दर्दनाक हादसे में विजय और उनकी दो बेटियों को बचाने के दौरान क्या खामियां रहीं। अब उन्हें खंगाला जा रहा है। कैलाशनगर में विजय के पड़ोसी और परिचित दमकल विभाग को कोस रहे हैं। लोगों का कहना है दमकल विभाग की लापरवाही से हादसा गंभीर हुआ है। फायर ब्रिगेड पानी लाने में देर नहीं करती तो शायद विजय और उनकी दो बेटियों की जान बच सकती थी।