प्रदेश के दुर्गापुरी माता मंदिर में दशकों से जल रही हैं अखंड ज्योति, ऐसी है मां की महिमा
durgapuri mata temple in sheopur : सुदूर जंगल में विराजी मां दुर्गा के नाम से प्रसिद्ध दुर्गापुरी धाम की अद्वितीय महिमा, नवरात्र में उमड़ी है श्रद्धालुओं की भीड़
प्रदेश के दुर्गापुरी माता मंदिर में दशकों से जल रही हैं अखंड ज्योति, ऐसी है मां की महिमा
ग्वालियर। भारत को मंदिरों का देश कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। क्योकि यहां लाखों छोटे-बड़े मंदिर हैं,जो अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित हैं और हर मंदिर का अपना अलग और अनोखा इतिहास है। इन मंदिरों से अलग-अलग मान्यताएं जुड़ी हैं। ऐसा ही एक मंदिर है मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के श्योपुर जिले में स्थित दुर्गापुरी माता का मंदिर। जंगल के बीच में बने इस मंदिर का इतिहास भी बहुत ही दिलचस्प है। लोककथाओं और ग्रामीणों के अनुसार इस मंदिर का इतिहास पांडवों के समय का है। हालांकि, आधुनिक समय में इस मंदिर की खोज करीब 90 साल पहले शिवनारायण पराशर ने की थी, जिन्हें डांगवैल बाबा के नाम से भी जाना जाता था।
यहां मां की ऐसी है महिमा, जब रेलवे को मंदिर के दरवाजे पर ही बनाना पड़ा स्टेशन उस समय एक पेड़ के नीचे देवी मां की मूर्ति मिली थी। बताया जाता है कि यह मंदिर उस समय चर्चा में आया जब 30 साल पहले राज्य के मुख्यमंत्री रहे अर्जुन सिंह ने यहां एक भव्य मंदिर बनवाया। उन्होंने मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करवाई, साथ ही एक अनन्त लौ भी जलाई,जो आज तक जल रही है। मंदिर के दरवाजे पर दो विशाल शेर की मूर्तियां भी लगाई गई हैं जो लोगों को आकर्षित करती हैं।
चंबल संभाग में आस्था का केंद्र है यह मंदिर, राजाशाही ठाट-बाट से होती पूजा-अर्चना… इतना ही नहीं दुर्गापुरी माता भक्तों की धन और समृद्धि की हर कामना पूर्ण करती हैं। इस मंदिर में श्योपुर जिले के अलावा राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और देश के अन्य जगहों से भी भक्त आते हैं। नवरात्रि के समय खासतौर पर भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं और इस अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। साथ ही नवरात्रि के सांतवें दिन कालरात्रि जागरण का आयोजन किया जाता है और इस दिन देवी मां को काले वस्त्र पहनाएं जाते हैं। इस मंदिर की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेलवे को इसे देश के बाकी हिस्सों से जोडऩे के लिए अपने नेटवर्क में विशेष रूप से शामिल करना पड़ा। साथ ही मंदिर के दरवाज़े के सामने ही रेलवे स्टेशन है।
सरकारी योजना का लाभ लेने दंपती ने बनाया ऐसा प्लान, जिसने भी सुना रह गया हैरान30 सालों से जल रही है अखंड ज्योति सुदूर जंगल में आवागमन के साधनों के अभाव में श्रद्धालुओं की मंाग पर वर्ष 1975 में रेलवे ने मंदिर के ठीक सामने ही श्योपुर-ग्वालियर नैरोगेज टे्रन का हॉल्ट स्टेशन बना दिया। यही वजह है कि बीते 45 सालों से यहां से गुजरने वाली ट्रेन रुकती है और सैकड़ों श्रद्धालु इसी ट्रेन से मां के दर्शनों को आते हैं। नवरात्र के दौरान तो ट्रेनें ठसाठस भरकर चलती है। इस मंदिर में श्योपुर जिले के अलावा अन्य जिलों और राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और देश के अन्य जगहों से भी भक्त आते हैं। नवरात्र के समय खासतौर पर भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं और इस अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर में बीते 30 सालों से अखंड ज्योति भी जल रही है।
Hindi News / Gwalior / प्रदेश के दुर्गापुरी माता मंदिर में दशकों से जल रही हैं अखंड ज्योति, ऐसी है मां की महिमा