हुआ यूं कि दतिया एसडीएम वीरेन्द्र सिंह बघेल सुबह 11 बजे जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने जा पहुंचे। उनके साथ प्रभारी सीएचएमओ डॉ. जयभारत सिंह भी थे। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात मेडिकल कॉलेज के सहायक अक्षीधक डॉ. सुरेन्द्र सिंह बौद्ध से ड्यूटी रजिस्टर लाने को कहा। इस पर बौद्ध का जबाव था -आप कौन हैं उन्होंने कहा एसडीएम । इस पर भी भरोसा नहीं हुआ तो डॉ.बौद्ध ने सवाल दाग दिया कि आईडी दिखाइए। दोनों के बीच हो रही बातों को प्रभारी सीएचएमओ डॉ. जयभारत सिंह भी सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि ये एसडीएम साहब हैं। इस दौरान दोनों के बीच करीब दो मिनट तक बात होती रही। पत्रिका को एसडीएम ने बताया कि बाद में सीएमएचओ ने उन्हें परिचय बताया।
गरीबों के पर्चे बना रहे थे दस रुपए में
एसडीएम ने पाया कि बीपीएल कार्डधारियों के पर्चे भी दस रुपए लेकर बनाए जा रहे थे। कंप्यूटर आपरेटर को इस पर फटकार भी लगाई। उन्होंने व्यवस्था बताई कि काउंटरों पर बकायदा पट्टिका लगाई जाए ताकि गरीब व सामान्य मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने सुलभ शौचालय व पार्किंग की व्यवस्थाओं को भी ठीक करने को कहा।
कलेक्टर को आपात सेवा में नहीं मिला डॉक्टर
दतिया. जिलाधीश रोहित सिंह बुधवार की शाम करीब छह बजे भांडेर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जा पहुंचे। उन्होंने पाया कि अस्पताल में आपातकालीन सेवा के लिए पदस्थ किए कोई डॉक्टर तो था ही नहीं कोई स्टाफ भी मौजूद नहीं था। अस्पताल में उन्हें बात करने के लिए ही कोई नहीं मिला। कलेक्टर सिंह निकले तो थे कि धान के भंडारण के लिए गोदाम बने या नहीं । निरीक्षण के दौरान पाया कि इनके निर्माण की रफ्तार धीमी पाई गई।