बता दें कि कायाकल्प-1 में 23 सडक़ें 25.32 करोड़, कायाकल्प-2 में 16 सडक़े 11.47 करोड़ और मुख्यमंत्री अधोसंरचना में 20 सडक़ें 25 करोड़ में बननी थीं। इन तीनों में से अब तक 15 करोड़ की राशि आ चुकी थी और निगम उसे खर्च भी कर चुका है।
इन सड़कों का भी बुरा हाल
पटेल नगर, डीडी नगर, ओल्ड हाईकोर्ट की हुजरात रोड, अस्पताल रोड, पटेल नगर से बीएसएनएल ऑफिस तक दोनों तरफ के मार्ग, सिटी सेंटर क्षेत्र, महलगांव, दाल बाजार रोड, राधा विहार कॉलोनी मेन रोड, काला सैयद पुल से बंडापुल तक नाली व डामरीकरण, वार्ड 53 लक्कडख़ाना पुल से कमाल खा की दरगाह, गड्ढे वाला मोहल्ला, गुढ़़ा पुलिया से पीपरी धाम तक।
ऊंची-नीचे रोड से लोग गिरकर हो रहे चोटिल
सचिन तेंदुलकर मार्ग पर करीब 20 से 25 मीटर की रोड पर डामरीकरण का कार्य आचार संहिता से पूर्व किया गया था लेकिन आचार संहिता लगने व मतदान होने के बाद भी आज तक वह कार्य आधा अधूरा पड़ा हुआ है। इससे सडक़ ऊंची-नीची हो गई है और लोग गिरकर भी चोटिल हो रहे हैं।
शिकायत फिर भी सुनवाई नहीं
गुढ़ा गुढ़ी का नाका क्षेत्र की सडक़ जर्जर व बदहाल होने के साथ आधी-अधूरी खोदे जाने से सडक़ ऊंची-नीची हो गई है। इससे लोग आए दिन गिरकर चोटिल भी हो रहे है। हर दिन लोग सीएम हेल्पलाइन,स्थानीय पार्षद व जनकार्य के अधिकारियों को शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी सडक़ बदहाल पड़ी हुई हैं।
धूल से बचने बदले रास्ते
नगर निगम मुख्यालय क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 13 के सामने की सडक़ पर आचार संहिता लगने से पूर्व तेजी से कार्य किया गया था लेकिन आचार संहिता लगते ही कार्य को बंद कर दिया गया, इस रोड से हर दिन धूल के बीच काफी संख्या में वाहन निकलते हैं। वहीं कई लोग तो धूल से बचने के लिए अब पड़ाव की ओर आ जा रहे हैं।
अब बंद कर दिया कार्य
पटेल नगर, अनूपम नगर व कैलाश विहार की मेन सडक़ भी जर्जर व बदहाल पड़ी हुई हैं। यहां भी आचार संहिता लगने से पूर्व निगम के अफसरों ने जल्द से जल्द कार्य शुरू करने और पब्लिक को दिखाने के लिए सडक़ पर खोदाई का कार्य भी कराया गया, लेकिन उसके बाद से यह सडक़ बदहाल पड़ी है। फिलहाल यहां नाले बनाने खोदाई की जा रही है।
इंजीनियर नहीं जाते
स्थानीय लोगों का कहना है कि सडक़ पर डामर व सीसी के निर्माण कार्य के दौरान इंजीनियर मौके पर नहीं रहते हैं, इसलिए डामर व सीसी के सडक़ें ठेकेदार मनमाने तरीके से बनाते हैं। वहीं नगर निगम के जिम्मेदार अफसरों ने भी 20 से 30 मीटर की डामर की सडक़ को सैंपल के रूप में जनता को दिखाने का कार्य किया है।
अब इनकी सुनें अब इनकी सुनें
जेपी पारा, अधीक्षण यंत्री जनकार्य विभाग नगर निगम
प्रश्न : सचिन तेंदुलकर मार्ग सहित अन्य की सडक़ें आधी अधूरी क्यों पड़ी हुई हैं?
उत्तर : ठेकेदार दूसरी जगह कार्य कर रहा था इसलिए तेंदुलकर मार्ग की सडक़ नहीं बन पाई।
प्रश्न : अब निर्माण कार्य कब शुरू होगा?
उत्तर : अभी राशि नहीं है अब राशि आते ही कार्य शुरू कराया जाएगा।
प्रश्न : कितने रुपए आ चुके हैं अब तक सडक़ निर्माण के लिए?
उत्तर : अभी तक करीब 15 करोड़ आए थे इनमें से निर्माण कार्य में खर्च हो चुके हंै।
प्रश्न : शहर की जर्जर सडक़ें बदहाल हैं वह कब ठीक होंगी?
उत्तर : सरकार के गठन के बाद जब राशि आएगी उसके बाद ही सडक़ों का कार्य शुरू करा सकेंगे।
प्रश्न: अभी तक कितनी किमी की सडक़ बनाई जा चुकी है?
उत्तर : 38 सडक़ें 37 किमी में बनाई जानी थी, इसमें से अब तक 26 किमी बना दिया गया है।
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