परिजन लेकर पहुंचे सिविल अस्पताल घर में पहुंचे परिवार में बच्चे को खांसी, जुकाम और हल्का बुखार होने पर परिवार के सदस्य उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में बच्चे की जांच की गई। कोरोना वायरस से मिलते जुलते लक्षण दिखने पर बच्चे को तुरंत स्पेशल एंबुलेंस से जिला अस्पताल गुरदासपुर भेजा गया। सिविल अस्पताल गुरदासपुर में बच्चे के रक्त के नमूने लेकर दिल्ली व पुणे की प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित है या नहीं।
अमृतसर मेडिकल कालेज में करोना वायरस प्रयोगशाला शुरू इस बीच कोविड 19 की टेस्टिंग प्रक्रिया बुधवार से अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब में शुरू कर दी गई है। मेडिकल कालेज के अधिकारियों के अनुसार गुरु नानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना वायरस के तीन संदिग्ध मरीजों के सैम्पल की जांच इनफ्लुएंजा लैब में की गई। दो चरणों में होने वाले इस टेस्ट में मरीज के ई जीन की जांच भी होगी। इस टेस्ट से कोरोना वायरस पीड़ित संभावित संदिग्ध मरीजों के रक्त में मौजूद वायरस के समूह का पता लगाया जाएगा। दूसरे चरण में ओआरएफ वन बी व आरटीआरपी टेस्ट होगा। यह टेस्ट भी जीन का है। दोनों टेस्ट पॉजिटिव आने पर यह पुष्ट होगा की मरीज कोरोना वायरस संक्रमित है। हालांकि इनफ्लुएंजा लैब में टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग पॉजिटिव मरीजों की जानकारी नहीं देगा। पूरी तरह पुष्ट होने के लिए मरीज का एक सैम्पल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजा जाएगा। नेशनल लैब में कोरोना की पुष्टि होने पर यह माना जाएगा कि वाकई मरीज को कोरोना है।
काफी सटीक होगी जांच इंफ्लुएंजा लैब में की गई जांच की प्राथमिक रिपोर्ट भी काफी सटीक होगी। यदि मरीज कोरोना संक्रमित है तो अमृतसर में ही इसकी जानकारी मिल जाएगी। इससे कोरोना की भयावहता का आकलन हो पाएगा। पुणे स्थित नेशनल लैब में इन दिनों सैम्पल का अत्यधिक भार है। देश के कोने कोने से सैंम्ल यहां आ रहे हैं। यही वजह है कि भारत सरकार ने देश के 19 चिकित्सा संस्थानों में टेस्ट करने की रूपरेखा तय की है जिसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर को भी शामिल किया गया है। तीन मरीजों में एक ऑस्ट्रेलियन दंपति और दुबई से अमृतसर पहुंचा बिहार निवासी एक नौजवान शामिल है।