ऐसा ही एक मामला गुना जिला कलेक्टर कार्यालय में देखने को मिला, जब सैकड़ों महिलाएं लाडली बहना योजना के फॉर्म भरने के लिए पहुंच गई।
गुना कलेक्टर डा. सतेंद्र सिंह ने महिलाओं को बताया गया कि सरकार की मंजूरी के बाद पूरे मध्यप्रदेश में ऑनलाइन फॉर्म जमा होंगे। महिलाएं सादे कागज पर आवेदन दे सकती हैं, जब भी ऑनलाइन वेबसाइट
(cmladlibahna.mp.gov.in) पर फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू होगी, उनके आवेदन की भी प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
दरअसल, लाड़ली बहना योजना के फॉर्म भरने के लिए अचानक कलेक्टोरेट में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस योजना में शामिल नहीं हो पाईं इन महिलाओं का कहना था कि उन्होंने 50-150 रुपए में फार्म खरीदा है, आज कलेक्टोरेट में जमा करने के लिए कहा गया था। जब उन्हें बताया गया कि अभी ऐसे कोई फार्म जमा नहीं किए जा रहे हैं तो उन्होंने हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंचे कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह ने महिलाओं को समझाया कि अभी पोर्टल बंद है, योजना के फार्म जब भी जमा होंगे, ऑनलाइन ही जमा होंगे। शासन की मंजूरी के बाद ही फॉर्म भरे जाएंगे।
दरअसल, किसी ने अफवाह फैला दी थी कि जनसुनवाई के दौरान मंगलवार से लाडली बहना योजना के फार्म जमा होंगे। इसके चलते महिलाओं और उनके परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके कारण कलेक्टोरेट रोड पर सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक बार-बार जाम लगता रहा।
यहां देखें योजना के बारे में
https://cmladlibahna.mp.gov.in/ कियोस्क संचालकों का खेल
कलेक्टोरेट में पहुंची महिलाओं ने बताया कि उनसे फॉर्म के लिए 150 रुपए लिए गए हैं, जबकि यह फॉर्म एक रुपए का मिलता है। फॉर्म जमा करने मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचने के लिए कहा गया। सुबह सात बजे से ही महिलाएं अपने-अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर गुना आ गई थीं। सुबह 9 बजे से ही कलेक्टोरेट में महिलाओं ने डेरा डाल लिया। देखते ही देखते महिलाओं की लंबी लाइन लग गई। आवेदन जमा करने को लेकर महिलाओं में ही धक्का-मुक्की होती रही।
पत्रिका पड़ताल में मिली गड़बड़ी
पत्रिका की पड़ताल में पता चला कि लाड़ली बहना योजना के रजिस्ट्रेशन फॉर्म की कीमत एक रुपए है, लेकिन महिलाओं को यह फार्म सौ रुपए से लेकर डेढ़ सौ रुपए तक में बेचा गया। फॉर्म की फोटोकॉपी तक बेची गई। इन फॉर्म खरीदने वाली महिलाओं की भीड़ कलेक्ट्रेट के अलावा शहर की ऑनलाइन दुकानों पर भी काफी देखी गईं। इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह का कहना था कि ऑनलाइन दुकान के संचालकों द्वारा लाड़ली बहना योजना के रजिस्ट्रेशन फॉर्म के नाम पर अवैध वसूली किए जाने की शिकायत मिली है। जल्द एक टीम बनाकर ऐसे ऑनलाइन संचालकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
2.61 लाख महिलाएं ले रही हैं लाभ
प्रदेश सरकार द्वारा शुरुआत में गुना की 2.97 लाख महिलाओं का लाड़ली बहना योजना में नाम शामिल किया गया था। इस सूची से धीरे-धीरे नामों की छंटनी हुई। वर्तमान में दो लाख 61 हजार महिलाओं को प्रति माह 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। इस योजना समेत अन्य योजनाओं के हितग्राहियों के लिए पिछले सोमवार को जिले में सिंगल क्लिक के माध्यम से 5 करोड़ रुपए डाले गए थे।
ऑफलाइन नहीं, ऑनलाइन जमा होंगे फॉर्म
हंगामा बढ़ता देख कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह (guna collector dr satendra singh) को जनसुनवाई छोड़कर बाहर आना पड़ा। उन्हें देखते ही महिलाओं ने भरे हुए फॉर्म दिखाते हुए कहा कि हमें तो कहा गया था कि आज यहां फॉर्म जमा होंगे, इसलिए यहां आए हैं। कलेक्टर ने महिलाओं को समझाया कि लाडली बहना की पात्रता के लिए फॉर्म ऑफलाइन जमा नहीं हो रहे हैं। इसका पोर्टल खुलने पर ही फॉर्म ऑनलाइन जमा होंगे। उधर, कुछ दलालों ने फार्म भरने के नाम पर महिलाओं से पैसे वसूल लिए और वे कलेक्टोरेट तक भी पहुंच गए थे। महिलाओं ने जब उनकी पहचान बताई तो उन्हें पकडऩे के लिए कलेक्टोरेट के कर्मचारी और पुलिसकर्मी दौड़े, लेकिन वे भाग निकले।
फॉर्म पर शिवराज सिंह की फोटो
लाड़ली बहना योजना के नवीन पंजीयन के लिए जो महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुंची थीं, उनके पास भरे हुए फॉर्म थे। रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) की तस्वीर दिखाई दी। यानी, महिलाओं को पुराने फार्म बांटे गए थे। कुछ महिलाओं के हाथों में फॉर्म की फोटोकॉपी थी। उन्होंने बताया कि उन्हें दुकान से यह फॉर्म भरकर दिया है।