इसमें लिखे मोबाइल नंबर पर जब फोन लगाकर बात की तो सामने भोपाल से कोई शशिकांत नामक व्यक्ति बोला। लोन के संबंध में बात करने पर शशिकांत ने तत्काल लोन दिया जाना बताया और फाइल चार्ज, अन्य चार्ज के रूप मे 13010 रुपए किसी रविकांत त्यागी के अकाउंट नंबर में जमा करा लिए। इसके बाद जब शिवराज ओझा लोन मंजूर कराने के लिए कहा तो शशिकांत ने 5500 रुपए की और मांग की। इसके बाद शशिकांत नाम के व्यक्ति ने फोन रिसीव नहीं किया। फोन उठाने पर अभद्रता से बात की।
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आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
इसी प्रकार शशिकांत और रविकांत त्यागी ने सचिन सोनी निवासी विकासनगर गुना और अन्य साथियों के साथ भी लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की। आरोपियों पर खिलाफ धारा 420 भादवि एवं आईटी एक्ट की धारा 6 6 (डी) के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
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आारोपियों से जब्त किया ये सामान
पुलिस ने प्रकरण के एक आरोपी शशिकांत परिहार को ग्वालियर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उक्त प्रकरण में फरार दूसरे आरोपी रविकांत त्यागी के ग्वालियर में होने की जानकारी पर पुलिस टीम रवाना हुई। आदित्य पुरम से आरोपी रविकांत त्यागी निवासी रैहली थाना अमामन जिला भिंड हाल आदित्यपुरम ग्वालियर को दबोच लिया गया। उसने पूछताछ में अपने साथ शशिकांत परिहार के अलावा रवि राठी नामक व्यक्ति के शामिल होने की बात भी स्वीकार की। इस पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आदिलपुरम ग्वालियर से प्रकरण के तीसरे आरोपी रवि राठी निवासी किशनगढ़ सहारनपुर उत्तर प्रदेश हाल आदित्यपुरम ग्वालियर को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से धोखाधड़ी में प्रयोग किए गए दो मोबाइल, फर्जी पर्चे और एक कार को जब्त किया गया है।
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