बंदरों द्वारा बुुजुर्ग को छत से धक्का देकर गिराने की यह घटना शनिवार शाम की है। 70 वर्षीय बाबूलाल प्रजापति किसी काम से छत पर गए थे। उसी दौरान 25 से 30 बंदरों की एक टोली वहां आ गई। बाबूलाल ने किसी तरह कुछ बंदरों को तो भगा दिया, लेकिन कुछ बंदर छत से नहीं गए। उन्होंने बाबूलाल को जोर से धक्का मारा, जिससे वह छत से सीधे 12 फीट नीचे गिर गए। इससे उनकी पसलियों और फेफड़ों में गंभीर चोट आई। परिवार वाले उन्हें तत्काल निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने इलाज भी शुरू कर दिया, लेकिन गंभीर चोट के चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मृतक के बेटे ललित ने बताया कि जिस समय यह दुखद हादसा हुआ, उस समय उनके घर में काफी मेहमान थे। मकर संक्रांति के चलते पिताजी ने अपनी बेटियों और बहनों को भी बुलाया था। सभी हंसी-खुशी त्यौहार का आनंद ले रहे थे। इसी बीच अचानक उन्हें तेज आवाज आई कि छत से नीचे कुछ गिरा है। आवाज सुनकर सभी दौड़कर बाहर गए तो वहां पिता जमीन पर पड़े थे। उनकी हालत देख सभी बुरी तरह से घबरा गए थे।
बेटे ने बताया बंदराें को पिता की मौत का जिम्मेदार
ग्रामीण ललित प्रजापति के मुताबिक बंदरों की संख्या बढ़ने और उनके उत्पात मचाने से यह समस्या बेहद गंभीर रूप ले चुकी है। मेरे पिता की मौत के जिम्मदार यहीं बंदर हैं, जिनकी वजह से वह छत से गिरकर गंभीर रूप से चोटिल हुए और उन्हें बचाया नहीं जा सका।