दरअसल, वन विभाग ने वन महोत्सव के दौरान नौ साल पहले ऊंचा अमीरपुर गांव में 100 बीघा सरकारी जमीन 10 हजार पेड़ लगाए थे। इनमें अर्जुन, पापड़ी, कीकर आदि पेड़ों का रोपण किया गया था। नौ साल में यहां जंगल बन गया था। तीन दिन पहले ग्रामीणों ने देखा कि उक्त जमीन से कई पेड़ काटे गए हैं। उनकी लकड़ियां भी गायब है। ऊंचा अमीरपुर निवासी अवनीश प्रताप सिंह ने बताया कि शिकायत वन विभाग व कोतवाली पुलिस से की गई। पुलिस और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। अधिकारियों ने बताया कि करीब 2500 पेड़ काटे गए हैं। इनकी लकड़ियों की कीमत बाजार में लाखो रुपये आंकी जा रही है।
यह भी देखें: पड़ोसी ने ही युवक को मार गोली फिर हुआ फरार ग्रामीणों ने बताया कि जिस जमीन पर पेड़ लगे हैं, वहां स्टेडियम प्रस्तावित है। 100 में से 11 बीघा जमीन से पेड़ों को कटवाने के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी जा रही है। अनुमति मिलने से पहले ही चोर पेड़ काटकर ले गए। ग्राम प्रधान नीलम चौहान ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मामले की शिकायत कर जांच कराई जाएगी। वहीं, कोतवाली प्रभारी श्रीपाल सिंह ने बताया कि ऊंचा अमीरपुर में पेड़ काटे जाने की शिकायत पर पुलिस को भेजा गया था। मौके पर वन विभाग की टीम भी थी। इस पर वन विभाग कार्रवाई करेगी।