दरअसल में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जेवर में जमीन को लेकर 31 अगस्त तक का समय प्रशासन को दिया है। नोएडा के जेवर में बनने वाले Airport के लिए पहले चरण में 13 सौ हेक्टेयर जमीन की दरकार है। इसके लिए 8 हजार से ज्यादा किसानों की सहमति की जरुरत है। हालाकि जिला प्रशासन व यमुना प्राधिकरण की टीम प्रयासरत है। उधर अभी भी जमीन के लिए किसानों से सहमति नहीं बन पाई है।
कुछ किसान एयरपोर्ट के लिए जमीन देने की एवज में चार गुना मुआवजे की मांग पर अड़े हुए है। वहीं ज्यादातर किसान जमीन देने की मूड में दिखाई नहीं दे रहे है। डीएम ने रन्हेरा गांव में तहसील व प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ में किसानों से मीटिंग की। मीटिंग के दौरान डीएम ने किसानों से सोच समझकर जमीन देने की बात कहीं। उन्होंने आने वाली पीढी को मिलने वाले रोजगार को ध्यान में रखकर जमीन देने का फैसला लेने को कहा। एयरपोर्ट के लिए किसान सर्किल रेट के चार गुना मुआवजे लेने पर अड़े हुए है तो कुछ 3300 रुपये व एक किसान ने 2700 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रस्ताव रखा है।
उधर एयरपोर्ट के लिए राजस्थान सरकार ने कवायद तेज कर दी है। अलवर में पिछले कई साल से एयरपोर्ट बनाने पर विचार किया जा रहा है। अभी तक अलवर व आस-पास के शहरों के लोगों को हवाई यात्रा के लिए जयपुर या दिल्ली जाना पड़ता है। राजस्थान के अधिकारियों की माने तो कोटकासिम व तिजारा में एयरपोर्ट बनाया जाएगा। इसके लिए 14 गांवों की जमीन ली जाएगी। इसे ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट भी कहा जाएगा। दिल्ली एयरपोर्ट के दबाव को देखते हुए इसका विस्तार होगा। राजस्थान में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कोटकासिम के 14 गांवों की जानकारी एयरपोर्ट ऑथीरिटी ऑफ इण्डिया को दी गई है।