ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि इस मामले पर एसीईओ दीपचंद्र को जिम्मेदारी दी गई, जिसके बाद कार्यालय आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के तहत अगले चार दिनों आवासीय, कॉमर्शियल, आईटी, संस्थागत, बिल्डर प्रोजेक्ट, सड़कों की री-सर्फेसिंग, नई सड़कों का निर्माण आदि नहीं होगा। इस दौरान निर्माण सामग्रियों को ढक कर रखने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी धूल उड़ने की संभावना है, वहां एंटी स्मॉग गन चलाने को कहा गया है। हॉट मिक्स व आरएमसी प्लांट को भी तत्काल बंद करने, होटलों या ढाबों में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन आदेशों की अवहेलना करने पर एनजीटी के नियमानुसार कठोर कारवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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पीएम सौभाग्य योजना से लें मुफ्त बिजली कनेक्शन, इस तरह करें आवेदन बिजली आपूर्ति के लिए एनपीसीएल को निर्देश प्रदूषण को कम करने में जनरेटर की जरुरत को देखते हुए प्राधिकरण ने एनपीसीएल को सुचारु रूप से बिजली आपूर्ति के भी निर्देश दिए हैं, ताकि कामकाज प्रभावित न हो। इसके अलावा कूड़ा जलाने वालों की पहचान कर कार्रवाई के लिए टीम भी बना दी गई है। एसीईओ दीपचंद ने अग्निशमन अधिकारी से पानी के छिड़काव के लिए दो वाटर स्प्रिंकलर मांगे हैं। एक मशीन ग्रेटर नोएडा और दूसरी ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पानी के छिड़काव के लिए इस्तेमाल होगी। इसके अलावा परियोजना/ उद्यान विभाग को भी पेड़ों की छंटाई के बाद वेस्ट को एकत्रित कर खाद बनाने की प्रक्रिया करने व कूड़े को डंपिंग ग्राउंड में डालने व मैकेनिकल स्वीपिंग के फेरे बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं।