यूपी में कुख्यात बदमाशों की कोई कमी नहीं है। सुनील राठी का नाम जरायम की दूनिया में आपसी रंजिश और जमीन कब्जाने के मामले में सामने आ चुका है। सुनील राठी वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में आतंक का पर्याय बन चुका है। सुनील पर भी 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज पुलिस सुत्र बता रहे है। सुनील के पिता नरेश राठी की कस्बे में ही रंजिश की वजह से हत्या कर दी गई थी। उसके बाद में दूसरे पक्ष के 2 लोगों की हत्या कर दी गई थी। हत्या के मामले में सुनील राठी को सजा भी हुई थी।
वेस्ट यूपी के अलावा तीन राज्यों के लोग कांपते है इन बदमाशों सेे वेस्ट यूपी समेत कई राज्यों में सुंदर भाटी, नरेश भाटी, अनिल दुजाना, योगेश भदौड़ा, उधम सिंह गैंग, बलराम ठाकूर का दबदबा रहा है। गैंग के बदमाशों के खिलाफ यूपी, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में लूट, रंगदारी, मर्डर, गुंडा एक्ट, डकैती जैसे गंभी मामले दर्ज है। इन गैंग्स के पास में एक—47 जैसे अत्याधुनिक हत्यारों की कोई कमीं नही है।
ऐसे हुए आमने-सामने नरेश भाटी और सुंदर भाटी गैंग के बीच में कभी ट्रॉसपोर्ट यूनियन को लेकर विवाद हुआ था। इनके बीच में छिडर गैंगवार में एक तरफ जहां 20 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इनके अलावा बेकसूर की भी जान गई है। दरअसल में गैंगवार के चलते राहगीर भी इन बदमाशों की दुश्मिनी के शिकार हुए है। खूनी गैंगवार के चलते इनके तार दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, यूपी समेत कई राज्यों से जुड़े हुए है। इनके गैंग मेंं हरियाणा, यूपी, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के शार्प शूटरों की कमी नहीं है।
अन्य राज्यों व जिलों के शूटर कर चुके है यहां हत्या दादूपुर के प्रधान हरेंद्र नागर, एक पुलिसकर्मी समेत तीन की हत्या में दिल्ली के एक शॉर्प शूटर का नाम सामने आया था। हालाकि कई हत्याओं में दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड के शॉर्प शूटरों का नाम सामने आ चुका है। जेल में रहकर दिल्ली का शार्प शूटर सुंदर भाटी के संपर्क में आया था। वहीं नरेश भाटी गैंग को अमित कसाना और अनिल दुजाना आॅपरेट कर रहे हैं। अमित कसाना और अनिल दुजाना पर वेस्ट यूपी समेत विभिन्न राज्यों में लूट, मर्डर, रंगदारी, गैंगस्टर, गुंडा एक्ट के दिल्ली, यूपी और हरियाणा में मामले दर्ज
हैं।
राजकुमार की हत्या में बलराम ठाकुर का आया था नाम सामने जून 2015 में जुनपत गांव के राजकुमार शर्मा व गनर नितिन की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में अनिल दुजाना के करीबी व बुलंदशहर जेल में बंद बलराम ठाकूर का नाम सामने आया था। वह राजकुमार के बेटे नरेंद्र की हत्या में जेल में बंद था और जेल में ही बंद रहकर उसने हत्या की साजिश रची थी। यह अनिल दुजाना गैंग के लिए कार्य करता था। जमीन कब्जाने को लेकर नरेंद्र की हत्या की गई थी। उसी मामले में राजकुमार गवाह था। लगातार अनिल दुजाना की तरफ से राजकुमार पर लगातार मुकदमे को वापस लेने का दवाब बनाया जा रहा था। यह जहांगीराबाद बुलंशहर का रहने वाला है। अनिल दुजाना के तार बांदा जेल में मुख्तार अंसारी से जुड़ेे थे। मुख्तार अंसारी भी बांदा जेल में बंद है।
इस वजह से किए गए बाहरी राज्यों की जेल में शिफ्ट जेल में बैठकर रंगदारी, हत्या जैसे मामलों में सुंदर भाटी, नरेश भाटी, अनिल दुजाना समेत कई कुख्यात बदमाशों के नाम प्रकाश में आए। सुंदर भाटी का नाम हरेंद्र नागर, गनर समेत तीन की हत्या के मामले में सामने आया था। बताया जाता है कि लुक्सर जेल में बंद अधिकतर बदमाश जेल में रहकर की गैंग को आॅपरेट कर रहे थे। उसके बाद में सुंदर भाटी को हमीरपुर और अनिल दुजाना को बांदा जेल भेज में शिफ्ट किया गया था।
खाकी की वर्दी पहनने वाले के बाद में आया था नाम सामने, अनिल दुजान से भी जुड़ेे तार सहारनपुर के रहने वाले मुकीम काला गैंग का नाम एक सिपाही की हत्या के बाद में सामने आया था। मुकीम काला ने सहारनपुर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद में उसकी कराबाइन लूटकर फरार हो गया था। विभिन्न राज्यों मेंं अपराधिक रेकॉर्ड दर्ज होने के बाद में दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों की पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी। सहारनपुर में 12 करोड़ की डकैती में उसका नाम सामने आया था। बताया जाता है कि यूपी और दिल्ली में मुकीम काला को गौतमबुद्धनगर के अनिल दुजाना ने ही रखा था।
योगेश भदौड़ा और उधम सिंह गैंग 2014 में किनौनी शुगर मिल के ठेके को लेकर योगेश भदौड़ा और उधम सिंह गैंग आमने—सामने आए थे। योगेश भदौड़ा के खिलाफ दिल्ली समेत कई राज्यों में तार जुड़ने के बाद में कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई थी। भदौड़ा गांव में योगेश के ही भाई प्रमोद की हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप उधम सिंह पर
लगा था। भाई की हत्या के मामले में योगेश ने उधम पर गाजियाबाद कोर्ट में हमला किया था।