दरअसल लॉक डाउन से जहां श्रमिकों का रोज़गार छिन गया, वहीं फैक्ट्रियों और निर्माणाधीन परियोजनाओं का काम भी श्रमिक न होने के चलते ठप पड़ गया। रेलवे की भी निर्माणाधीन परियोजनाओं पर भी इसका ज़बर्दस्त असर पड़ा। ऐसे में रेलवे ने अपने ज़िलों और शहरों को लौटे श्रमिकों को लेकर इस तरह प्लान तैयार किया जिससे श्रमिकों को उनके ज़िले में ही रेल परियोजनाओं में काम मिल जाय और काम भी दोबारा चालू हो जाय।
विडियो कान्फ्रेंसिंग के ज़रिये जीएम एलसी त्रिवेदी ने सभी विभागाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि मुख्यालय और मंडल के अन्तर्गत जीतने भी प्रोजेक्ट चल रहे हों, उनमें अवश्यकता के आधार पर लौटे हुए श्रमिकों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाय। जीएम के निर्देश के बाद abtak 1060 श्रमिकों की सूची तैयार की गयी है। एनईआर के विभिन्न क्षेत्रों में 23 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन्हीं में पहले फेज़ में 1060 श्रमिकों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही लखनऊ वाराणसी और इज़्ज़तनगर मंडल द्वारा मनरेगा के तहत पटरियों के किनारे काम दिलाने के लिये भी सूची तैयार की जा रही है।