scriptमान वंदन दिवस के रूप में मनाई गई देवी अहिल्या बाई, रानी दुर्गावती की जयंती | Devi Ahilya Bai, Rani Durgavati's birth anniversary celebrated as Honor Day | Patrika News
गोरखपुर

मान वंदन दिवस के रूप में मनाई गई देवी अहिल्या बाई, रानी दुर्गावती की जयंती

गोरखपुर में शनिवार को लोकमाता देवी अहिल्या बाई, रानी दुर्गावती के जन्मदिवस पर मान वंदन शोभा यात्रा निकाली गई।

गोरखपुरDec 07, 2024 / 03:49 pm

anoop shukla

गोरखपुर में देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं और रानी दुर्गावती की 500 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर दुर्गा वाहिनी की क्षेत्र संयोजिका कल्पना दीदी विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री राजेश, प्रांत मंत्री नागेंद्र, सरस्वती विद्या बालिका महाविद्यालय की प्रधानाचार्य विहिप की प्रांत उपाध्यक्षा आदि ने भारत माता लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर और रानी दुर्गावती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

यह यात्रा स्वाभिमान के जागरण की यात्रा

रानी दुर्गावती के पांच शताब्दी एवं माता अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी जन्मोत्सव के संदर्भ में मान वंदन शोभा यात्रा का आयोजन भी किया गया। महानगर के सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित दुर्गा वाहिनी के बहनों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने लोकमाता अहिल्याबाई और रानी दुर्गावती के जीवन से जुड़ी बातें बताते हुए उन्हें अपने जीवन में भी अपनाने की सीख दी। वक्ताओं ने बताया कि यह यात्रा स्वाभिमान के जागरण की यात्रा है और हिंदू स्वाभिमान को जागृत करते हुए हमें देश के अमृत काल 2047 तक अपने जीवन को सार्थक बनाना है।

मां अहिल्याबाई को पूरे भारत को एक करने की चिंता थी

वक्ताओं ने आगे कहा कि लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के जीवन और उनके द्वारा किए गए लोकहित कार्यों पर प्रकाश डाला। मां अहिल्याबाई को पूरे भारत को एक करने की चिंता थी। उन्होंने यह भी बताया कि देवी अहिल्याबाई ने धनगर समाज के लिए काम किया, जिसमें समाज की मान्यता के अनुसार पति की कमाई का एक चौथाई हिस्सा स्त्री को मिलता है। इस हिस्से से उन्होंने पूरे देश भर में घाट, मंदिर और अन्य संरचनाओं का निर्माण कराया और इसके संचालन को दूर दृष्टि से किया। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में आने वाली समस्याओं का साहस के साथ सामना करने की सीख महिला के दृढ़ संकल्प से लेनी चाहिए।

साहस और शौर्य के बल पर साम्राज्य की स्थापना

इसी प्रकार रानी दुर्गावती जो अपने बाल्यकाल से ही शूरवीर थी उन्होंने समाज को समरस करने के लिए बहुत ही ऐतिहासिक कदम उठाए उन्होंने अपने साहस और शौर्य के बल पर साम्राज्य की स्थापना की और हिंदू समाज को एक करने के लिए बहुत प्रयास किया। उन्हें अपनी किशोरावस्था में ही शेर का शिकार कर यह संकेत दे दिया था कि वह आने वाले समय में भारत मां की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च निछावर करने वाली है।

शोभा यात्रा में दुर्गा वाहिनी एवं मातृ शक्ति ने लिया हिस्सा

कार्यक्रम में रानी दुर्गावती के रूप में कृतिका गुप्ता, संगीता मधेशिया अहिल्याबाई के रूप में प्रिया साहनी शोभा यात्रा में सम्मिलित रही। शोभा यात्रा सरस्वती विद्या मंदिर से प्रारंभ होकर दुर्गाबाड़ी चौराहे से होते हुए चरण लाल चौराहा, आर्य नगर चौराहा से होते हुए पुनः सरस्वती विद्या मंदिर में समाप्त हुई जिसमें सैकड़ो की संख्या में दुर्गा वाहिनी एवं मातृ शक्ति कार्यकर्ताओं ने एवं आम जन हिस्सा लिया।

शोभा यात्रा में शामिल रहे

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख दुर्गेश त्रिपाठी, अनूप शुक्ला, अंजना राजपाल कामिनी, प्रतिष्ठा, शीतल,महानगर संगठन मंत्री सोमेश, विष्णु प्रताप सिंह, लक्ष्मी, संजीव श्रीवास्तव, रागिनी श्रीवास्तव, रीता शर्मा,लक्ष्मी गुप्ता समेत भारी संख्या में मातृशक्ति सम्मिलित रहीं।

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