सांसद रविकिशन की पहल पर महिला हुई थी भर्ती
बेलीपार के मलाव की सोना देवी सांस लेने की दिक्कत थी। मंगलवार को उन्हें एम्स की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। स्वजन का कहना है कि इमरजेंसी में डाक्टर नहीं भर्ती कर रहे थे तो सांसद के कार्यालय से फोन कराया गया था।एम्स की मीडिया सेल की चेयरपर्सन डा. आराधना सिंह ने कहा कि पल्मोनरी मेडिसिन, मेडिसिन, ट्रामा इमरजेंसी के डाक्टरों ने देखा था। वह गंभीर थीं, लापरवाही नहीं हुई है।
उपचार न मिलने से बिगड़ने लगी महिला की तबियत
बेलीपार थानाक्षेत्र के मलाव निवासी सियाराम सैनी ने पुलिस और सांसद को भेजे गए शिकायती पत्र में लिखा है कि वे अपनी दादी सोना देवी को सोमवार सुबह दस बजे एम्स की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे जहां जगह नहीं होने के कारण उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा था। इस पर उन्होंने सदर सांसद रविकिशन के यहां फोन किया, उनके कार्यालय के हस्तक्षेप और दादी को भर्ती तो कर लिया गया लेकिन इलाज नहीं शुरू हुआ।उपचार न मिलने से दादी की हालत बिगड़ने लगी तो फिर सांसद कार्यालय में फोन किया। वहां से बुधवार सुबह आइसीयू में शिफ्ट करने को कहा गया लेकिन शाम तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। उस समय बेड भी खाली थे।
गले में पाइप डालते ही महिला के मुंह से आया खून, हो गई मौत
शाम को मरीज की सांस तेजी से फूलने लगी तो उन्हें वेंटिलेटर पर ले जाने की बात कही गई। इसके बाद एक जूनियर डाक्टर ने गले में पाइप डाली। पाइप पड़ते ही दादी के मुंह से खून आने लगा। इसके तत्काल बाद उनकी मृत्यु हो गई। मरीज की मौत के बाद परिजन हंगामा काटने लगे।पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि उनकी शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, घटना को लेकर जांच जारी है।