महाराजगंज जिले के बीजापार असमन छपरा गांव निवासी 17 साल के राहुल सिंह के पिता संजय सिंह किसान हैं। राहुल गोरखपुर के दिव्यनगर स्थित एबीसी पब्लिक स्कूल में 12वीं के छात्र हैं। पढ़ाई के साथ-साथ राहुल कुछ न कुछ इन्नोवेशन भी करते रहते हैं। उन्होंने ये बाइक मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के डिजाइन एंड इनोवेशन सेंटर में तैयार किया है। इसमें और भी कई खूबियां हैं जो इसे बैट्री से चलने वाली दूसरी बाइक से बिल्कुल अलग और अनोखा बनाती है। मसलन इस पर सामान भी ढोया जा सकता है। इसे बनाने वाले छात्र राहुल सिंह का दावा है कि बाइक पर 1.8 क्विंटल तक का वजन ढोया जा सकता है। इसमें किसी तरह का ईंधन प्रयोग नहीं होने से न तो धुआं निकलता है और न ही यह आवाज करती है, जिससे प्रदूषण भी नहीं फैलता। यहां तक कि स्टार्ट भी खामोशी से हो जाती है। इसमें लगे सेंसर बेहद काम के हैं। इतनी खूबियों वाली बाइक को बनाने में महज 15 से 20 हजार लागत आएगी।
राहुल अब अपनी इस बाइक को पेटेंट कराकर काॅमर्शियल तौर पर इसे बाजार में लाने की तैयारी में जुटे हैं। राहुल ने बताया कि उन्होंने इसके पहले भी अपने आइडियाज से कई इन्नोवेटिव चीजें बनाई हैं। सोलर इन्नोवेशन के साथ ही खेत में दवा छिड़काव करने वाला ड्रोन, एनर्जी कंजर्वेशन के लिये मशीन का अविष्कार किया। राहुल गन्ने का खेत जोतने वाला एक ट्रैक्टर भी बना चुके हैं। राहुल का चयन इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में हुआ है।
राहुल खुशकिस्मत हैं कि उन्हें पढ़ाई में सहयोग भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही स्थानीय प्रशासन भी राहुल की मदद कर रहा है। गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी कहते हैं कि राहुल बेहद होनहार लड़का है। वह युवा वैज्ञानिक है। राहुल सेनेटाइज टनल, खेत जोतने की मशीन समेत कई और चीजें भी बना चुका है जो बेहद उपयोगी हैं।