Farmer ID:
श्रावस्ती जिले में कृषि विभाग की ओर से फार्मर आईडी के लिए 1,51,137 किसानों को चिह्नित किया गया है। इनमें से अब तक 23,720 किसानों की फार्मर आईडी बन चुकी है। उपनिदेशक कृषि सुरेंद्र चंद्र चौधरी ने बताया कि 31 जनवरी तक फार्मर आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए 159 ग्राम रोजगार सेवक, 833 सीएससी, 385 पंचायत सहायक, 55 कृषि विभाग के कर्मी व लेखपालों को लगाया गया है। किसान संबंधित कर्मियों से संपर्क कर अपनी फार्मर आईडी बनवा सकते हैंं। बिना फार्मर आईडी वाले किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त नहीं मिलेगी। साथ ही उन्हें अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा। गोंडा जिले में फार्मर रजिस्ट्री बनाने में रुचि लेने वाले 51 जन सेवा केंद्रों की ई-डिस्ट्रिक्ट आई.डी ईएनएक्टिवेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
गोंडा में 51 जन सेवा केंद्रों की ई-डिस्ट्रिक्ट आई.डी. होगी इनएक्टिव
गोंडा में फार्मर रजिस्ट्री के कार्य हेतु संस्था एवं कृषि विभाग के मध्य एगी्रमेन्ट हुआ था।। जिसके अनुसार फार्मर रजिस्ट्री का कार्य सीएससी-ई-गवर्नेन्स लिमिटेड के माध्यम से संचालित जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से ही हो सकते है। फार्मर रजिस्ट्री के कार्य को मिशन मोड के रूप में किए जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा निरन्तर आपकी संस्था के माध्यम से संचालित जनसेवा केन्द्रों को निर्देशित किया गया। परन्तु 06 जनवरी, 2025 की समीक्षा में यह तथ्य प्रकाश में आया कि निम्न विवरणानुसार (51) संचालित जनसेवा केन्द्रों द्वारा निरन्तर ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा का उपयोग किया जा रहा है। परन्तु अब भी इनके द्वारा फार्मर रजिस्ट्री के एक भी आवेदन अपने सी.एस.सी केन्द्रों के माध्यम से नहीं किए गए है। जो कि जिला प्रशासन के आदेशों की अवहेलना का घोतक है। उपरोक्त सूची में अंकित जनसेवा केन्द्रों की ई-डिस्ट्रिक्ट आईडी को तत्काल इनएक्टिव करने के निर्देश दिये गए हैं।
यदि इन जनसेवा केन्द्रों द्वारा एक सप्ताह में न्यूनतम 100 फार्मर रजिस्ट्री की रिपोर्ट ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, गोण्डा के माध्यम से अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करने पर इनकी ई-डिस्ट्रिक्ट आईडी को पुनः एक्टिव करने पर विचार किया जायेगा।
अपने मोबाइल फोन से ऐसे बनाएं फार्मर आईडी
किसान अपने मोबाइल पर सेल्फ मोड एप डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें तीन स्तर पर किसान मांगी जानकारी भरकर फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं। पहले स्तर पर सेल्फ मोड फॉर फार्मर पर अपना विवरण भरें। दूसरे स्तर पर आधार से संबंधित जानकारी व तीसरे स्तर पर अपनी सहमति प्रदान करेंगे। इसके बाद किसानों की आईडी बन सकेगी।