मां दुर्गा ने किया था उद्धार
कहा जाता है कि मां दुर्गा स्वयं अवतार लेकर यहां आई थीं और गांव वालों का उद्धार किया था। इस मंदिर में मां दुर्गा ने खुद गांव वालों की मदद के लिए एक बूढ़ी औरत का रूप लेकर लगान भरा था। यह मंदिर ब्रिटिश काल के दौरान की घटना से जुड़ा है। उस समय गांव में अकाल था और अंग्रेज़ों ने गांव पर लगान में कोई कमी नहीं की थी। नवरात्रि में दूर-दूर से आते हैं लोग
गांव वालों के पास खाने तक के पैसे नहीं थे, ऐसे में उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना की। इसके बाद मां भगवती ने एक बूढ़ी औरत का रूप लेकर अंग्रेज़ों के पास जाकर लगान भर दिया। यही कारण है कि नवरात्रि के दौरान यहां पर बड़ी संख्या में लोग मां भगवती की दर्शन करते हैं। कहते हैं जो भक्त यहां आते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।