इस पूरे मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि हर साल बरसात के बाद नहर की सफाई की जाती है। जिसके चलते सिंचाई विभाग द्वारा नहर में आने वाले पानी की सप्लाई पूरी तरह रोक दी जाती है। जिसके बाद गंगाजल तैयार करने वाले प्लांट को पानी नहीं मिल पाता है। इस कारण से जितने दिन नहर की सफाई चलती है। दोबारा नहर में पानी छोड़ा जाता है। तो उतने दिन ही गंगाजल तैयार नहीं हो पाता है। जिसके कारण जिन इलाकों में पीने के पानी के तौर पर गंगाजल की सप्लाई की जाती है। उन सभी इलाकों में हर साल वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण हर साल की भांति इस बार भी जिन कॉलोनियों में गंगाजल की सप्लाई होती है और इस दौरान बाधित होती है तो टैंकर के द्वारा लोगों तक स्वच्छ पीने का पानी मुहैया कराया जाता है। यानी उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। इस बार भी ऐसा ही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले से ही इस बात के लिए विभाग पूरी तरह तैयार रहता है और हमेशा यह ध्यान दिया जाता है कि किसी भी शख्स को पीने के पानी की किल्लत न झेलनी पड़े।