पीड़ित छात्रा के पिता का कहना है कि वह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनकी पांच वर्षीय बेटी एलकेजी में पढ़ती है। वह मकान मालिक की पत्नी से ट्यूशन पढ़ने जाती है। उनकी बेटी अपने भाई को साथ लेकर ट्यूशन पढ़ने गई तो टीचर घर पर नहीं थी।
इसके बाद उनकी बेटी वहीं रुक गई और बेटा उसे छोड़कर घर आ गया। आरोप है कि टीचर की गैर मौजूदगी में उसके 12 वर्षीय बेटे ने उनकी बेटी से दुष्कर्म किया। खून से लथपथ बेटी घर पहुंची। पूछताछ करने पर उसने आपबीती बताई। इसके बाद परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे।
इलाज का खर्च देकर समझौते का डाला दबाव छात्रा के पिता का आरोप है कि अस्पताल में आरोपी पक्ष पहले से मौजूद मिला। उसने वहां इलाज का खर्च देने की बात कहते हुए मामले को रफा-दफा करने का दबाव डाला। उन्होंने फैसले से इनकार कर दिया तो आरोपी पक्ष ने उनका मोबाइल छीन लिया और अभद्रता शुरू कर दी।
हंगामे के बीच पीड़ित पक्ष ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने छात्रा का मेडिकल परीक्षण कराते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। सीओ प्रथम महीपाल सिंह का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।