दरअसल, ये पूरा मामला ये है कि स्नान करते वक्त ये महिला श्रद्धालु अचानक नहर में डूबने लगी। इसी दौरान युवती को डूबता देख एक गोताखोर उसे बचाने के लिए नहर में कूद पड़ा और बचाने के इस खेल में उसके गले से हार झपट लिया । इस युवती का कहना है कि नहाते वक्त पहले कोई मेरी टांगों को पकड़कर नहर के बीच ले जाने लगा। इसके बाद युवती ने जब जोर से अपने पैर झिड़के तो उसका पांव छूट गया। इसी बीच एक गोताखोर ऊपर से उसपर कूद पड़ा और बचाने के नाम पर उसके गले से चैन झपट लिया। नहर से बाहर आने के बाद जब लड़की ने शोर मचाया और वहां मौजूद लोग इकठ्ठे हो गए तो गोताखोर ने उसके हार लौटा दिए।
ये कोई पहला मामला नहीं है। भाजपा विधायक नन्दकिशोर की माने तो उसके पास कई डूबे हुए लोगों के परिजन इस तरह की शिकायत लेकर पहुंचे हैं, इसी के बाद उन्होंने मामले में गाजियाबाद के डीएस से हस्क्षेप करने के लिए पत्र लिखा है। उनके मुताबिक इस कथित छोटा हरिद्वार में यहां के स्वयंभू बाबाओं और निजी गोताखोरों की मदद से लोगों को पहले डुबोने और फिर लाश निकालने के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। आरोप के मुताबिक यहां गोताखोर पहले स्नान करने आए लोगों को डुबोकर पत्थर से बांध देते हैं। डूबने वाले व्यक्ति के परिजनों की मिन्नत के बाद मोटी रकम की डिमांड पूरी होने पर शव की तलाशी के नाम पर उसे नहर से निकालकर परिजनों को दे दिया जाता है।
भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस मंदिर पर न सिर्फ सवाल उठाया है, बल्कि दावा किया है कि यहां नहाने वाले लोगों को गोताखोर जबरदस्ती नहर में डूबो देते हैं। “पत्रिका” से खास बातचीत में विधायक ने कहा था कि बीते एक महीने में करीब एक दर्जन लोगों को इस नहर मेंं डूबोकर मार दिया गया। गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने छोटा हरिद्वार मंदिर को अवैध बताया है। उन्होंने दावा किया कि इस जगह को गलत तरीके से कुछ लोग हरिद्वार के समकक्ष तीर्थ स्थल के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तो नहर है और नहर को हरिद्वार के रूप में प्रचारित करना लोगों की आस्था से खिलवाड़ करना है। विधायक के अनुसार, कुछ श्रद्धालु गंगा जल के भ्रम में यहां अपने पूर्वजों की अस्थियों का भी विसर्जन कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह गंगा नदी नहीं बल्कि, एक नहर है। इस नहर में हर 8 दिन में पानी खत्म हो जाता है। वहां हरिद्वार कैसे हो सकता है। सिर्फ गंगा नदी के पानी में ही वह ताकत है, जो कई वर्षों तक भी गंगा खराब नहीं होता।