इतना ही नहीं, इसे देश का सबसे ऊंचा तिरंगा बताया जा रहा है। इसमें खास बात यह है इस तिरंगे का गाजियाबाद से खास कनेक्शन है क्योंकि यह गाजियाबाद में ही बनकर तैयार हुआ है। स्वत्रंता दिवस पर दिल्ली, नोएडा, वृंदावन, मुंबई और देहरादून में भी 101 फीट ऊंचा झंडा लहराया जाएगा।
इस कंपनी को मिला टेंडर गाजियाबाद स्थित सहगल झंडा मैन्यूफैक्चरिंग को उक्त तिरंगा बनाने का ऑर्डर मिला है। फर्म के चेयरमैन रवि सहगल का कहना है कि 262 फीट ऊंचा तिरंगा बनकर तैयार हो गया है। यह इतना बड़ा है कि इसे किसी भी मौसम में लगभग 15 किलोमीटर तक की दूरी से भी देखा जा सकेगा। पिछले गणतंत्र दिवस पर भी गाजियाबाद के श्यामा मुखर्जी पार्क में प्रदेश का सबसे ऊंचा झंडा लहराया गया था। अब गोरखपुर में देश का सबसे ऊंचा झंडा लहराया जाएगा। हालांकि अभी इसके लिए एयरफोर्स से एनओसी मिलनी बाकी है। गोरखपुर डीएम की एयर फोर्स से बात हो चुकी है और जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। जिसके बाद इस तिरंगे को सीएम योगी आदित्यनाथ फहराएंगे। रवि के मुतावबक उन्हें दिल्ली, नोएडा, वृंदावन, मुंबई और देहरादून से भी तिरंगा बनाने का ऑर्डर मिला है।
इतनी आई लागत देश के सबसे ऊंचे तिरंगे के पोल को इस तरह बनाया है कि आकाशीय बिजली से झंडे को किसी तरह की क्षति न पहुंचे। इसके लिए अलग से सिस्टम लगाया गया है। करीब 45 लाख रुपये की कीमत से बने पोल को बनाने में 200 टन आरएमसी और 17 टन आयरन जीआई लगा है। पोल को 20 लोगों की टीम ने लगभग छह महीने में बनाकर तैयार किया है। जिसके बेस की लंबाई और चौड़ाई 25- 25 फीट होगी। झंडा लगभग पांच किलो पीतल के अशोक थतंभ की छत्रछाया में लहराएगा। पोल के सबसे ऊपर वाले भाग पर एक बड़ी और मोटी पीतल की प्लेट लगी होगी। जिस पर अशोक थतंभ की मूतीस लगेगी। प्लेट के चारों तरफ सजावट के लिए चेन में घंटियां लटकाई गई हैं। पोल के बेस पर चारों ओर रेडियम लाइट के साथ फाउंटेन लगे हैं।