scriptपुलिस की आंखों में धूल झोंककर अपनी पहचान छुपाया, 9 परिवारों में रहा, क्या है इस मिस्ट्री बॉय की कहानी ? | He hid his identity by throwing dust in the eyes of the police, lived in 9 families, what is the story of this mystery boy? | Patrika News
गाज़ियाबाद

पुलिस की आंखों में धूल झोंककर अपनी पहचान छुपाया, 9 परिवारों में रहा, क्या है इस मिस्ट्री बॉय की कहानी ?

Indraraj-The Mystery Boy: सात दिन तक एक युवक ने पुलिस से सेवा कराई फिर दरोगा से लिए नए जूते और कपडे। 31 साल पहले अपहरण की झूठी कहानी बनाया और नौ परिवारों में रहा। अब पुलिस की गिरफ्त में है। क्या है इस मिस्ट्री बॉय की कहानी आइये बताते हैं ? 

गाज़ियाबादDec 06, 2024 / 09:48 pm

Nishant Kumar

Indraraj- The Mystery Boy

Indraraj- The Mystery Boy in Ghaziabad Police Custody

Indraraj-The Mystery Boy: ‘सर, मेरा अपहरण हो गया है। किसी तरह से भागकर यहां पंहुचा हूं। 31 सालों से मैं लापता हूं। कृपया मुझे मेरे परिवार से मिला दीजिये…’ ये गुहार 20 सालों से अलग-अलग शहरों के अलग-अलग थानों में एक शख्स लगाता रहा और हर दफा उसे नए शहर के साथ मिलते रहे नए मां-बाप, भाई-बहन और रिश्तेदार। 

पहले बैकग्राउंड समझते हैं… 

राजस्थान के श्री गंगानगर का रहने वाला एक लड़का है जिसका नाम इन्द्रराज है। इन्द्रराज के पिता का नाम चुन्नीराम है। इन्द्रराज बचपन से ही आदतन चोर है। घर, परिवार और रिश्तेदारों के यहां छोटे-मोटे हाथ मार लेना और चोरी करना इसके आदत में शुमार है। इन्द्रराज के परिवार ने साल 2005 में उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया। 

चोरी की आदत छूटे कैसे? 

इन्द्रराज को बिना मेहनत किये रोटी की स्वाद उसके जबान पर चढ़ गया था। ये आदत उसकी फितरत बन गई। अब वो खाने, रहने और जीने के लिए नई तरकीब निकाल लाया। पहले वो किसी थाने में जाता और वहां के पुलिस वालों से गुहार लगाता कि मेरा अपहरण हुआ है और किसी तरह मैं भाग कर आया हूं। कई सालों से मैं लापता हूं और मुझे मेरे परिवार से मिला दीजिये। 

पुलिस की मेहमाननवाजी का फायदा उठाता 

Indraraj
इसके बाद पुलिस मामले को शहर के अखबारों और प्रसार माध्यमों में बताती और जिनके भी परिवार से लोग गुमशुदा हैं वो थाने आते। गौरतलब है कि इतने दिनों तक पुलिस इन्द्रराज की मेजबानी करती और इन्द्रराज इस मेहमाननवाजी का भरपूर फायदा उठाता रहा। 

भावनाओं का खेल 

परिवार वाले जब थाने आते तो इन्द्रराज उनके हावभाव को नोटिस करता और उनकी बातों को बेहद गंभीरता से परख लेता और उनकी बातों पर हां में हां मिलाता जाता। फिर क्या ? जिसके परिवार का कोई गुमशुदा हो और मिल जाए तो भावनाओं का छलकना लाजमी है। बस इसी भावनाओं का फायदा उठाकर इन्द्रराज कभी भीम, कभी राजू बन जाता। 

परिवार तोड़कर प्रॉपर्टी पर नजर 

इस काम में वो इतना माहिर हो गया था कि गंगानगर, देहरादून, सीकर, गाजियाबाद और जैसलमेर में कुल नौ परिवारों के साथ कभी बेटा, कभी भाई तो कभी दूर का रिश्तेदार बनकर घुस जाता और उसके बाद परिवार की प्रॉपर्टी और अन्य कीमती सामानों पर बगुले की आंख की तरह ध्यान लगाए रहता था। 

Mystery Boy इन्द्रराज का हुआ भंडाफोड़ 

Indraraj- The Mystry Boy
इन्द्रराज अपने ने ठिकाने की तलाश में गाजियाबाद पंहुचा। 24 नवंबर को खेड़ा थाने पर पंहुचा और अपने पैटर्न के अनुसार कहानी बताई। पुलिस ने उसके रहने और खाने का इंतजाम किया। साहिबाबाद के एक परिवार ने उसे स्वीकार कर लिया। इसे विस्तार से जानने के लिए… 
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परिवारवालों ने की शिकायत 

साहिबाबाद के परिवार वालों ने तथाकथित राजू (इन्द्रराज) के बदलते व्यवहार की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की तहकीकात की। इन्द्रराज को थाने बुलाया और उससे सख्ती से पूछताछ किया। इस बार इन्द्रराज चालाकी धरी की धरी रह गई और उसके झूठ का जाल टूट गया। 

पुलिस ने मामले को किया कंफर्म 

पुलिस अब तक पांच ऐसे ठिकाने कंफर्म कर चुकी है जहां आरोपी रहा है। हालांकि पुलिस को आशंका है कि चार या उससे अधिक और ऐसे ठिकाने हो सकते हैं।  देहरादून में यह परिवार के साथ मोनू शर्मा बनकर रहा, तो वहीं साहिबाबाद में भीम उर्फ राजू बताकर परिवार के साथ रहा।   

पुलिस कर रही कार्रवाई 

इन्द्रराज के इस झूठ के चक्कर में न जाने कितने परिवार की भावनाएं आहात हुईं। न जाने कितने लोगों को ठगा और नुकसान पहुंचाया। पुलिस उसके रहने के हर ठिकानो का पता लगा रही है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी के 420 मामलों में मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।

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