बता दें कि शुरुआती दौर में पहुंचे लोगों तहसील में बैठे अधिकारियों ने साफ तौर पर रजिस्ट्री किए जाने के लिए मना कर दिया, लेकिन दोपहर बाद काफी जद्दोजहद के चलते इन कॉलोनियों की संपत्ति की रजिस्ट्री हुई। जानकारी के मुताबिक सदर तहसील में बुधवार को कुल 494 रजिस्ट्री हुई, जिनसे सरकार को 7.14 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है। इस पूरे मामले में सहायक आयुक्त स्टाम्प मेवा लाल पटेल ने बताया कि रजिस्ट्री बुधवार को शुरू हुई हैं। पूरे 1 महीने 5 दिन बाद रजिस्ट्री खुली हैं। इसलिए भीड़ भी बेतहाशा है।
आधी रात में प्रेमी को घर बुलाकर बेटी कर रही थी एेसा काम कि तभी टूट गर्इ मां की नींद आैर फिर उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद की 321 कॉलोनी अवैध घोषित कर दी गई थी। सभी कॉलोनियों में रहने वाले लोग बेहद परेशान थे। क्योंकि लोगों ने अपने जीवनभर की कमाई कालोनियों में अपने मकान बनाने के लिए लगाई हुई है। कुछ लोगों ने इन्वेस्ट किए जाने के उद्देश्य से इन सभी कॉलोनियों में संपत्ति खरीदी हुई है, लेकिन जिस दिन 321 कॉलोनियों को अवैध बताया गया उस दिन से लोगों की नींद उड़ गई थी। इन सभी कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद से बैनामा लेखक और वकील के अलावा कुछ बिल्डर द्वारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया और उच्च न्यायालय में उन्होंने इस पूरे मामले की अर्जी दाखिल की। जिसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार से भी जवाब मांगा गया है। इसकी सुनवाई के लिए 11 जनवरी निर्धारित की गई, लेकिन उससे पहले ही बुधवार को इन सभी कॉलोनियों की संपत्ति की रजिस्ट्री खोल दी गई है। बहरहाल इन कॉलोनियों की संपत्ति की रजिस्ट्री खुलने के बाद से लोगों ने राहत की सांस ली है।