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गैंग बनाकर एेसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस के मुताबिक यह सब एक गैंग बनाकर लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे थे।इनकी संख्या कुल 10 है।इन्होंने दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि कई राज्यों में अपना कहर बरपाया हुआ था।इनके निशाने पर दो पहिया वाहन होते थे।जिन्हें यह लूट लिया करते थे।पुलिस ने इनके कब्जे से तमंचा और कारतूस भी बरामद किये हैं।हाल ही में मेरठ में इन्होंने एक लूट की वारदात को भी अंजाम दिया था।जिसके जेवरात भी पुलिस ने इनके कब्जे से बरामद कर लिए हैं। इनमें से रवि कुमार नाम का शख्स शूटर है।जो पहले भी जेल जा चुका है।
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इस गैंग में नेशनल प्लेयर से लेकर वकालत की पढ़ार्इ करने आैर ग्रेजुएट है शामिल
पुलिस ने बताया बदमाशों के इस गैंग में कोर्इ अनपढ़ गवार नहीं बल्कि सभी ग्रेजुएट है।इनमें एक वकालत की पढ़ार्इ कर रहा है। तो कोर्इ बीए आैर बीटेक का छात्र है।वहीं इस गैंग के मुखिया कबड्डी के दो नेशनल प्लेयर है। पुलिस ने कबड्डी के नेशनल प्लेयर समेत कुल 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया है।पुलिस ने आरोपियों के पास 10 लूटी गई बाइक और जेवरात के अलावा मोबाइल फोन और सात तमंचे भी बरामद किए गए हैं।इनमें प्रशांत डागर नाम का बदमाश अंडर-19 कबड्डी का नेशनल प्लेयर है।और 12वीं का छात्र रहा है। प्रशांत ने अपने साथी को भी कबड्डी का प्लेयर बनवा दिया था।
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गिरोह में शामिल लोगों को दिया जाती थी मोटी तनख्वा
लूट करने के दौरान किसी को शक ना हो इसलिए आरोपी पढ़े लिखे छात्रों को गिरोह में शामिल करते थे। इतना ही नहीं यह सब इस काम के लिए बाकायदा सैलरी भी दी जाती थी। पढ़े-लिखे दिखने की वजह से इन पर कोई शक नहीं करता था। इन्होंने अभी तक इस अपने गोरखधंधे के लिए कितनी भी चालाकी क्यों ना की हो लेकिन पुलिस के सामने इनके सभी पैतरे फेल होते नजर आए।आखिरकार पुलिस ने इनके गैंग का पर्दाफाश करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। अब उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।