यहां सिलेक्ट होने वाले खिलाड़ी इंग्लैंड में खेलेंगे ज्योतिषाचार्य शिवा गौड़ का कहना है कि होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि में करना चाहिए। एक तारीख को सुबह 8 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग रही है लेकिन इसके साथ भद्रा भी लगा होगा। भद्रा काल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए इससे अशुभ फल प्राप्त होता है। शाम में 7 बजकर 37 मिनट पर भद्रा समाप्त हो जाएगा इसके बाद से होलिका दहन किया जाना शुभ रहेगा।
चौकी इंजार्च समेत 4 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस बन रहा है विशेष संयोग इस साल में आने वाली होली का महुर्त भी बेहद शुभ है। ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के लिए तीन चीजों का एक साथ होना बहुत ही शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि हो, प्रदोष काल हो और भद्रा ना लगा हो। इस साल होलिका दहन पर ये तीनों संयोग बन रहे हैं। इसलिए होली आनंददायक और शुभ रहेगी।
होली की भस्म से भी मिलता है लाभ होली दहन के बाद में लोग सुबह इसकी भस्म को अपने घर में लाकर रखते है। इसके पीछे की मान्यता है कि भस्म में शरीर के अंदर स्थित दूषित द्रव्य सोख लेने की क्षमता होती है, इस कारण पर भस्म लेपन करने से कई तरह के चर्म रोग नहीं होते हैं।घर में लाने से घर को अशुभ शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है।