बताते चलें कि आवास विकास द्वारा अल्प आय वर्ग के लोगों के लिए सिद्धार्थ विहार नाम से एक योजना लाई गई थी। जिसके अंतर्गत 2013 में इन लोगों को कब्जा देने की बात कही गई थी। लेकिन अपने द्वारा दिए गए समय के अनुसार आवास विकास द्वारा लोगों को समय पर कब्जा नहीं दिया गया। यानी समय के हिसाब से उन लोगों को मकान का कब्जा 3 साल लेट मिला है। जिसके चलते स्थानीय लोगों में खासा गुस्सा भरा है।
लोगों का कहना है कि जब आवास विकास के खिलाफ स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोला और प्रदर्शन शुरू किया तो कमिश्नर द्वारा इन्हें वादा किया गया कि वह 6 पर्सेंट का ब्याज उन लोगों को दिया जाएगा। जिन्हें समय पर कब्जा नहीं मिल पाया है। आरोप है कि अब वह अपने वायदे के अनुसार 6 पर्सेंट का ब्याज देने के लिए भी मुकर गए हैं। लोगों ने बताया कि उन्होंने रेरा के तहत 250 मुकदमें भी दायर किए हैं और करीब 100 से ज्यादा इस हाल में ही डाले गए हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि 20 मार्च 2018 से उनका आंदोलन अपनी मांगों को लेकर शुरू किया गया था। जिसके चलते लखनऊ में भी आवास विकास के अधिकारियों का घेराव किया गया था। लगातार आंदोलन के चलते आवास विकास द्वारा 32500 से 28,000 का रेट तो कर दिया गया है लेकिन जो वादा उन्होंने 6 परसेंट ब्याज देने के लिए किया था उसे नहीं दिया गया है। इसलिए यहां रहने वाले लोगों को अब अपने आप में ठगा सा महसूस हो रहा है। स्थानीय लोगों ने इसी नाराजगी के चलते वसुंधरा स्थित आवास विकास कार्यालय का घेराव किया।
इतना ही नहीं बड़ी संख्या में महिला और पुरुष हाथों में अपनी मांगों को पूरा करने वाली तख्ती लेकर कार्यालय के अंदर घुस गए और जमकर हंगामा किया। हालांकि बड़े अधिकारी शुरुआती दौर में कार्यालय से भागते दिखाई दिए। कुछ देर बाद अधिकारियों ने उनकी मांगों की भरपाई करवाए जाने का भरोसा देकर लोगों को शांत किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि इनकी मांगें जल्द ही पूरी नहीं हुई तो 28 तारीख को बड़ी संख्या में लोग दोबारा लखनऊ जाकर उग्र प्रदर्शन करेंगे। जिसके जिम्मेदार सीधा-सीधा आवास विकास के अधिकारी होंगे।