हालांकि, पुलिस को कासिम की मौत और समीउद्दीन की पिटाई के मामले में गाय का कोई लिंक ही नहीं है। पुलिस ने एफआईआर में मोटरसाइकिल से टक्कर का मामला दर्ज किया है। पीड़ित समीउद्दीन के छोटे भाई का आरोप है कि पुलिस ने हमारी मर्जी के खिलाफ एफआईआर में धाराएं लगाई है। यानी पुलिस गौकशी के आरोप में हुई हत्या को हादसा ठहराने पर तुली हुई है। अब इस वीडियो के वायरल होने और पुलिस की थू-थू होने पर इस मामले में जब हापुड़ के एसपी संकल्प शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इस वीडियो की सत्यता जानने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे ही इसकी पुस्टि हो जाएगी, हम इसे जांच में शामिल करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है। ये अलग बात है कि पीड़ित और गंभीर रूप से जख्मी समीउद्दीन के छोटे भाई यासीन का आरोप है कि पुलिस ने हमारी शिकायत के मुताबिक एफआईआर नहीं लिखी है। पुलिस भले ही गौकशी के बजाए मोटरसाइकिल की टक्कर के बाद हुई हाथा-पाई की नतीजे मौत बता रही हो, लेकिन सच्चाई ये है कि पुलिस ने घटना स्थल से कोई मोटरसाइकिल बरामद नहीं की है। वहीं, एक स्थानीय निवासी सुधीर राणा ने बताया कि घटना वाले दिन पुलिस ने उन्हें दो गायों और एक बछड़े को ऱखने के लिए दिए थे।
दरअसल, घटना 18 जून की है। बताया जाता है कि कासिम के खेत में एक गाय घुस गई थी, जिसे वो और उनके दोस्त समीउद्दीन भगाने में लगे थे। तभी अचानक कुछ लोगों ने गौकशी का आरोप लगाते हुए कासिम और समीउद्दीन की जमकर पिटाई की। इस दौरान कासिम की मौत हो गई, वहीं समीउद्दीन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। एक मिनट तीन सेकेंड के वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि समीउद्दीन खून से लतपथ हैं और हाफ रहे हैं। वह लोगों को बार बार सच्चाई बताने की कोशिश कर रहे हैं और खुद को छोड़ देने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन भीड़ उन पर तरस दिखाने के मूड में नहीं दिख रहा है। यहां तक की कुछ लोग उनकी दाढ़ी को भी खिंचते नजर आ रहे हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले एक फोटो वायरल हुई थी, जिसमें भीड़ पुलिस के सामने घायल अधमरे शख्स को घसीटते हुए ले जा रही थी। इसके बाद जब सोशल मीडिया पर पुलिस की किरकिर हुई तो यूपी पुलिस ने इसके लिए माफी मांगते हुए तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर मामले में जांच के आदेश जारी किए है। वहीं कासिम और घायल समयुद्दीन के परिवार ने पुलिस पर एक और आरोप लगाया है कि पुलिस ने पहले से रोड रेज की तहरीर तैयार कर रखी थ, जिस पर उनसे अंगूठा लगवाया गया।