यह भी पढ़ें- यूपी उपचुनाव: अखिलेश-मायावती का गठबंधन मुस्लिम-दलित बहुल इस सीट पर बिगाड़ सकता है भाजपा के समीकरण इस पूरे मामले में क्षेत्राधिकारी आरके सिंह ने बताया कि अर्चना नीलमणि सोसाइटी स्थित एक मदरसे में दिल्ली की एक मासूम के साथ दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम दिए जाने का मामला सामने आया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस और दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने लड़की को मदरसे से ही बरामद किया था, जिसके बाद से मदरसे में मौजूद मौलवी को भी गिरफ्तार किया गया था। इस घटना से गुस्साए हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा मदरसे के अंदर तोड़फोड़ भी की गई थी।
यह भी पढ़ें- सपा के दिग्गज नेताओं ने सीएम योगी को दिखाए काले झंडे तो पुलिस ने लूट, डकैती, मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में दर्ज किया केस आरके सिंह ने बताया कि मदरसे के दुष्कर्म कांड की जांच लगातार दिल्ली क्राइम ब्रांच कर रही है और लगातार कार्रवाई भी क्राइम ब्रांच कर रही है। मदरसे में तोड़फोड़ किए जाने के बाद जरूर यहां की पुलिस ने तोड़फोड़ करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। अब मंगलवार देर शाम मदरसे के तमाम दस्तावेज चेक किए जाने के बाद मदरसे में किसी भी तरह की गतिविधि किए जाने पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि जिस एनजीओ के नाम पर यह मदरसा चलाया जा रहा था। उस के महासचिव जाउद्दीन द्वारा गाजियाबाद के एसएसपी को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें मस्जिद के संचालन की मांग की गई है। उनका कहना है कि तमाम लोग यहां आकर नमाज अदा करते हैं तो उनकी भावनाओं का ख्याल करते हुए यहां नवाज पढ़ने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि इस पत्र के बाद गाजियाबाद पुलिस द्वारा साफ शब्दों में कहा गया है कि इस पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस और दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा ही की जा रही है। इसमें किसी भी तरह की कोई इजाजत गाजियाबाद पुलिस नहीं दे सकती है।