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इस मामले में बुधवार को पूर्व नगर आयुक्त अब्दुल समद के भी बयान होने थे, लेकिन वह बयानों के लिए मौजूद नहीं थे। राहुल रूसिया की अगुवाई में दो सदस्यीय टीम ने उक्त सड़क का जायजा लिया। इस दौरान लोकायुक्त की टीम जावेद खान के अलावा सिटी मजिस्ट्रेट पीके दुबे और शिकायतकर्ता वेद प्रकाश अग्रवाल भी मौजूद रहे।इस जिले में चला राज्य सूचना आयोग का डंडा, इन बड़े अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई
लोकायुक्त की टीम ने सड़क का जायजा लेने के अलावा शिकायतकर्ता वेदप्रकाश अग्रवाल के बयान भी दर्ज कराए। वेदप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि टीम ने निरीक्षण के दौरान सड़क के सड़क के निर्माण के विषय में पूछा। जिसमें सड़क का निर्माण कैसे हुआ। सड़क कब बनी और बनाने में कैसी सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जैसे प्रश्न पूछे गए।इस सदी में पहली बार होली पर बन रहे हैं ये
योग ?, करेंगे यह काम तो खुल जाएगी आपकी किस्मत इसके अलावा उनसे दोनों ओर बनने वाली इंटरलॉकिंग टाइल्स के विषय में भी जांच टीम ने पूछा। लोकायुक्त टीम ने नगरायुक्त सीपी सिंह से सड़क निर्माण की पत्रावली मांगी। फिलहाल स्वच्छता सर्वे के चलते नगरायुक्त ने होली के बाद फाइल उपलब्ध कराने को कहा है। तत्कालीन नगरायुक्त अब्दुल समद के बयानों के बाद टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।ट्रौला ने एंबुलेंस को टक्कर मारने के बाद घसीटा, लगी आग, तीन की मौत, दो घायल-देखें वीडियो
यह है मामलाशिकायतकर्ता वेदप्रकाश अग्रवाल ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि रजापुर में राज गैस एजेंसी से डायमंड फ्लाईओवर तक तत्कालीन नगरायुक्त अब्दुल समद के समय में नियमों को ताक पर रखकर सड़क का निर्माण किया गया। सड़क बनाते वक्त इसे 4 लेन का बनाना था जिसमें डिवाडर, फुटपाथ और इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई जानी थीं। लेकिन सड़क निर्माण में ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई। निगम अधिकारियों ने सांठगांठ कर ठेकेदार को पैसा भी दिलवा दिया। जिससे निगम को 3 करोड़ 20 लाख की चपत लगी।
वहीं निगम के अन्य घोटालों की फाइलें भी सतर्कता विभाग ने तलब की हैं। सतर्कता विभाग ने पत्र के माध्यम से डस्टबिन, टैक्ट्रर, जमीन, सोलर लाइट, कम्प्यूटर खरीद घोटाले से जुड़ी पत्रावलियां भी मांगी हैं। निगम ने होली के बाद पत्रावली सौंपने की बात कही है।