दरअसल, ट्रांस हिंडन इलाके की कौशांबी कॉलोनी में रहने वाले डॉ हरीश रावत ने गाजियाबाद का नाम रोशन किया है। इन्होंने एक अनोखा कीर्तिमान हासिल कर लांगेस्ट लाफ्टर योगा मैराथन में 36 घंटे 3 मिनट तक हंसने का रिकॉर्ड बनाया है। इस कार्य को पूरी तरह कामयाबी दिलाने के उद्देश्य से कुल 6 लोगों की टीम इनके साथ रही। इसके पहले यह रिकॉर्ड 24 घंटे 13 मिनट का था जो कि इटली ब्रदर्स ने बनाया था। जिसे इन्होंने तोड़कर 36 घंटे 3 मिनट तक का रिकॉर्ड कायम करते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट हासिल कर लिया है।
इसके अलावा उन्हें लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से भी अप्रूवल मिल चुका है। जिसके अनुसार 2019 में इसे लिम्का बुक में भी दर्ज कर लिया जाएगा। वहीं रिकॉर्ड कायम करने पर हरीश रावत को बधाई देने वालों का उनके घर पर तांता लगा हुआ है।
डॉ हरीश रावत ने बताया कि उन्होंने विचार किया कि इस दौर में सभी लोगों में ज्यादातर नेगेटिविटी भरी हुई है। ज्यादातर लोग तनाव में ही नजर आते हैं और यह नेगेटिविटी केवल हंसने के माध्यम से ही दूर की जा सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हरीश रावत पिछले काफी समय से हंसने का योगा भी लगातार कर रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों को भी यह ज्यादा से ज्यादा हंसने की प्रेरणा देने का प्रयास करते हैं।
उन्होंने बताया कि इसी धारणा को मन में रखते हुए कौशांबी के आशा पुष्प विहार मार्केट के कम्यूनिटी सेंटर में 30 जून की सुबह 9:35 बजे से 1 जुलाई 9:37 बजे तक 36 घंटे लॉन्गेस्ट मैराथन लाफ्टर क्लास हुई थी। दिल्ली-एनसीआर की कई टीमों ने इसमें हिस्सा लिया था। इन 36 घंटों में उनके अलावा स्निग्धा बैनर्जी, दीक्षा सचान, मधु गोयल और रोहन मिश्रा व आकाश पांडेय, डॉक्टर अंकुर दीवान इस टीम में शामिल रहे।
उन्होंने बताया कि टीम के सदस्य कई तरह की मुस्कुराहट के साथ कभी तेज आवाज में हंसते तो कभी धीरे-धीरे, लेकिन उन्होंने हंसी की निरंतरता को बरकरार रखा। हालांकि प्रत्येक 4 घंटे के बाद टीम को 5 मिनट का ब्रेक दिया जाता था। विजेताओं के अनुसार इस रिकॉर्ड को दिल्ली-एनसीआर के विशेषज्ञों की निगरानी में वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ कवर किया गया था। डॉ. हरीश के मुताबिक, उन्होंने इस लाफ्टर मैराथन का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाने पर गिनीज बुक में दर्ज कराने का मन बनाया था।
इसके लिए फरवरी में ही अप्लाई किया था। वहां से उन्हें नियम और गाइडलाइंस बताई गईं, जिसके आधार पर उन्होंने अपना टास्क पूरा किया है। जिसके बाद उन्हें लिम्का बुक की तरफ से अप्रूवल मिल चुका है और 2019 में उनका नाम अब लिम्का बुक में भी दर्ज हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हंसने से लोगों का जीवन सुगम हो जाता है क्योंकि जो लोग दिल खोल कर हंसते हैं उनके पास कभी बीमारी भी नहीं आती है और उनका पूरा जीवन सुगम हो जाता है और अपनी इस धारणा को ये जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं।